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वाराणसी सेंट्रलजेल में कैदी भजन सुनकर अपनी दिनचर्या की करेंगे शुरुआत, फरमाइशी गाने भी सुनाए जाएंगे...

वाराणसी सेंट्रलजेल में कैदी भजन सुनकर अपनी दिनचर्या की करेंगे शुरुआत, फरमाइशी गाने भी सुनाए जाएंगे...

वाराणसी (ब्यूरो)। सेंट्रल जेल में कैदी भजन सुनकर अपनी दिनचर्या की शुरुआत कर सकेंगे तो दोपहर में भोजन से पूर्व उन्हें फरमाइशी गाने भी सुनाए जाएंगे। संस्था इंडिया विजन फाउंडेशन ने इसके लिए कारागार में आठ साउंड बाक्स और कमांड रूम बनाया है। 

कारागार के 33 बैरक में निरुद्ध एक - एक बंदियों के कानों तक तराने पहुंचाने के लिए जेल प्रशासन ने अपने 20 लाउडस्पीकर भी कमांड रूम में जोड़ दिया है। सचिव जिला विकास प्राधिकरण और एडीजे विजय विश्वकर्मा ने जेल रेडियो के कमांड रूम का शुभारंभ किया और बंदियों को इसकी शुरुआत के उद्देश्य बताए।

अवसाद से उबारने का प्रयास

जेल अधीक्षक राधाकृष्ण मिश्र ने बताया कि कैदी यहां अपने जुर्म का पश्चाताप करने आते हैं। अधिकांश कैदी अपनों से दूर रहने के कारण अवसाद में चले जाते हैं। अवसाद से उबारने के लिए केंद्रीय कारागार में जेल रेडियो की शुरुआत की गई है। इसकी सुविधाओं को जेल परवाज नाम दिया गया है। तड़के साढ़े पांच बजे जेल खुलने पर भजन बजाया जाएगा। सुबह आठ से दिन में 11 बजे तक कैदियों को फरमाइशी गाने सुनाए जाएंगे। फरमाइश जानने के लिए बैरक में रजिस्टर भेजा जाएगा। इसी अवधि में प्रेरक कहानियां भी सुनाई जाएंगी, जिससे बंदी सकारात्मक बदलाव हो सके।

व्यायाम को करेंगे प्रेरित 

योग से होने वाले लाभ बताकर व्यायाम करने को प्रेरित किया जाएगा। शाम को भजन संध्या का दौर चलेगा। बंदी कमांड रूम में परफारमेंस भी दे सकेंगे। फाउंडेशन की निदेशक मोनिका ने बताया कि छह जेलों में पहले से चल रहा जेल रेडियो सफल है। बंदियों में सकारात्मक बदलाव आया है। कारागार के तीन कैदियों अमरेंद्र, गोली और मुकेश कमांड रूम के आपरेशन के लिए प्रशिक्षित किया गया है। जेलर सूबेदार यादव, डिप्टी जेलर अखिलेश मिश्रा आदि मौजूद रहे।