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यूपी ,,प्रयागराज : गंगा पर बने शास्त्री पुल की एक लेन पहली अक्तूबर से पंद्रह दिनों के लिए बंद

यूपी ,,प्रयागराज : गंगा पर बने शास्त्री पुल की एक लेन पहली अक्तूबर से पंद्रह दिनों के लिए बंद


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एजेंसी डेस्क
प्रयागराज लंबे इंतजार के बाद गंगा पर झूंसी में बने पूर्वांचल को जोड़ने वाले शास्त्री पुल की मरम्मत का काम शनिवार को आरंभ होगा। डीएम संजय कुमार खत्री ने इस सड़क पर यातायात डायवर्ट करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।इसके लिए शनिवार से शास्त्री पुल की प्रयागराज से वाराणसी की ओर जाने वाली एक लेन पर यातायात पखवारे भर के लिए बंद कर दिया जाएगा। 

शास्त्री पुल की बदहाली को लेकर चलाई गई अमर उजाला की मुहिम आखिरकार रंग लाई। भारी वाहनों के दबाव से गड्डों में तब्दील हो चुकी इस सेतु की सड़क की मरम्मत पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड-तीन की ओर से शनिवार को आरंभ करा दी जाएगी। तीर्थराज प्रयागराज से काशी ही नहीं पूरे पूर्वांचल को जोड़ने वाले इस अहम सेतु की मरम्मत न होने की वजह से आए दिन हादसे हो रहे थे। 

पीडब्ल्यूडी की ओर से गड्डों में तब्दील हो चुकी इस सेतु की क्षतिग्रस्त सड़क बनाने की योजना पिछले वर्ष ही तैयार कर ली गई थी। लेकिन, बारिश से पहले रूट डायवर्जन न मिल पाने की वजह से यह प्रस्ताव लटक गया था। दशक भर पहले पुल की सतह की मरम्मत कराई गई थी, लेकिन उसके बाद सिर्फ गड्ढों को भरने की रस्म अदायगी ही की जाती रही है। 

ऐसे में लगातार भारी और ओवरलोड वाहनों के आवागमन की वजह से इस सेतु की सतह क्षतिग्रस्त होकर जगह जगह गहरे गड्ढों में तब्दील हो गई। इस सेतु के अनुरक्षण और रखरखाव की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड तृतीय को सौंपी गई है।

क्षतिग्रस्त ज्वाइंट एक्सपेंशन और पिलर की भी मरम्मत जल्दकरीब 60 हजार से अधिक वाहनों के रोजाना आवागमन वाले शास्त्री पुल की मरम्मत दो हिस्सों में कराई जानी है। 

शास्त्री सेतु से गुजरने वाली ऐतिहासिक ग्रैंड ट्रंक रोड पड़ोसी राज्य बिहार और पश्चिम बंगाल को भी संगम के शहर से जोड़ती है। लेकिन, समुचित रखरखाव के अभाव में इस सेतु के जहां कई पिलर और ज्वाइंट एक्सपेंशन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, वहीं इसकी बियरिंग भी कई बार खिसकने से बड़े हादसों की आशंका बनी रहती है। 

ऐसे में उत्तर प्रदेश सेतु निर्माण निगम को इसके पिलर और बियरिंग समेत अन्य तकनीकी पक्षों को लेकर रीमॉडलिंग की योजना बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। अफसरों का कहना है कि इस पुल के ज्वाइंट एक्सपेंशन और पिलर की भी मरम्मत जल्द ही आरंभ करा दी जाएगी।

भारी वाहनों के दबाव से शास्त्री सेतु की सड़क की सतह कई जगह क्षतिग्रस्त हो गई है। शनिवार से इस सेतु की सड़क की मरम्मत का काम शुरू करा दिया जाएगा। 

इस दौरान इस पुल की वाराणसी से प्रयागराज की ओर आने वाली एक लेन पर यातायात चालू रहेगा। ताकि, त्योहारों के सीजन में वाहनों के आवागमन में किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े। अजय कुमार गोयल, एक्सईएन-पीडब्ल्यूडी-तृतीय खंड।

पांच दशक पहले हुआ था शास्त्री पुल का निर्माण

गंगा पर शास्त्रीपुल की नींव वर्ष 1966-67 में रखी गई थी। बाद में इस पुल को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का नाम दे दिया गया। प्रयागराज और झूंसी के बीच बने इस पुल का निर्माण कोलकाता की निजी निर्माण इकाई जोशी एंड कंपनी से कराया गया था। सात साल काम करने के बाद कंपनी पुल के निर्माण को अधूरा छोड़ कर चली गई। इसके बाद ब्रिज कारपोरेशन ऑफ इंडिया ने इस अधूरे सेतु का निर्माण पूरा किया।