Headlines
Loading...
गोरखपुर में पैर से दिव्यांगों के मुफ्त इलाज के लिए अगले माह कैंप, ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन

गोरखपुर में पैर से दिव्यांगों के मुफ्त इलाज के लिए अगले माह कैंप, ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन

गोरखपुर: अगर आप या आपके आस-पास कोई भी पैर की दिव्यांगता को लेकर परेशान है. उसे इलाज से लेकर चलने-फिरने के लिए जरूरी उपकरणों की जरूरत है और वह उसे खरीद पाने में सक्षम नहीं है तो ऐसे दिव्यांगों के लिए गोरखपुर का मारवाड़ी युवा मंच कैंप लगाने जा रहा है. इस कैंप में ऐसे दिव्यांगों को मुफ्त उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे. मुफ्त सुविधा पाने के लिए पीड़ित दिव्यांगों को पंजीकरण कराना होगा. संगठन ने पंजीकरण के लिए तीन नंबर जारी किए हैं.


गोरखपुर मारवाड़ी युवा मंच के अध्यक्ष नवीन पालड़ीवाल के अनुसार दिव्यांगो की सहायता करने का अभियान(campaign to help handicapped) राष्ट्रीय स्तर पर चल रहा है. इसके लिए पूरे देश में विभिन्न शहरों में विशेष कैंप (Camp for treatment of handicapped)लगाकर जरूरतमंदों को मदद पहुंचाई जाती है. सितंबर माह की 18, 19 और 20 तारीख को ऐसे ही अभियान और शिविर की शुरुआत गोरखपुर में हो रही है. इसके लिए मोबाइल नंबर 9305284131, 9453033551 और 7081522222 पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. यह कैंप गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र के दिव्यांगों की मदद के लिए लगाया जा रहा है लेकिन, दिव्यांग कहीं से भी इस कैंप के लिए पंजीकरण करा सकते हैं. गोरखपुर में इलाज के दौरान उन्हें मुफ्त ठहरने और खाने-पीने की सुविधा दी जाएगी.

अध्यक्ष नवीन पालड़ीवाल ने आगे बताया कि इस अभियान का लाभ स्त्री और पुरुष दोनों को मिलेगा. संगठन विशेष तौर पर पैर से दिव्यांग लोगों के लिए अभियान के तहत कैंप लगा रहा है. इसमें किसी का एक पैर कटा हो या फिर दोनों पैर, उन्हें कृत्रिम पैर लगाए जाएंगे. दिव्यांग बिना बैशाखी के चल सकते हैं. शिविर में प्रवेश के लिए पहचान पत्र साथ में लाना अनिवार्य होगा. एक सहयोगी व्यक्ति भी पीड़ित के साथ शिविर में मुफ्त रहने खाने की सुविधा प्राप्त कर सकता है.

मारवाड़ी युवा मंच पिछले 20 वर्षों से इस आयोजन को देश स्तर पर करता चला रहा है. मारवाड़ी युवा मंच की खुद की कृत्रिम अंगों को बनाने की फर्म सिलीगुड़ी में है जो दिव्यांगों की मुफ्त में सहायता करने के उद्देश्य के साथ स्थापित ही की गई है. इस 20 वर्षों में गोरखपुर में यह तीसरा शिविर होगा. इससे पहले 2007 में 160 लोगों और 2015 में 130 लोगों को लाभान्वित किया गया था. संगठन एक बार फिर 2022 में दिव्यांगों को कृत्रिम अंग वितरित करने के लिए आया है.