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एक दंपत्ति से देवी ने कहा मेरे पास दो पुत्र हैं, एक पुत्र हजार साल जिएगा लेकिन मूर्ख होगा, दूसरा बुद्धिमान, लेकिन अल्पायु होगा...

एक दंपत्ति से देवी ने कहा मेरे पास दो पुत्र हैं, एक पुत्र हजार साल जिएगा लेकिन मूर्ख होगा, दूसरा बुद्धिमान, लेकिन अल्पायु होगा...

सावित्री के बाद दूसरी बार यमराज ने सतीत्व के आगे मानी हार :: लोक कथा के मुताबिक, एक दंपत्ति को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही थी। इसके लिए उन्होंने देवी मां के सामने तप किया। देवी मां प्रसन्न हुई और दंपत्ति से कहा कि मेरे पास दो पुत्र हैं। एक पुत्र हजार साल तक जिएगा, जो मूर्ख होगा। दूसरा पुत्र बुद्धिमान होगा, पर वह अल्पायु होगा। तुम्हें इनमें से कौन-सा पुत्र चाहिए? तो उस दंपत्ति ने दूसरा पुत्र मांगा।

कुछ समय बाद दंपत्ति के घर पुत्र पैदा हुआ। लेकिन जब वह 5 साल का हो गया तो उन दोनों को यही डर सताने लगा कि हमारा पुत्र अल्पायु है। कहीं किसी दिन अनर्थ ना हो जाए। पति ने अपने पुत्र को शिक्षा प्राप्त करने के लिए गुरुकुल भेज दिया। लड़का शिक्षा पूरी कर घर आ गया।

जब वह लड़का 16 साल का हो गया तो उसका विवाह सुंदर कन्या से करवा दिया गया। लेकिन विवाह के दिन ही यमराज नाग बनकर पहुंच गए और उस लड़के को डंस लिया और वह लड़का मर गया। यह सब देखकर उसकी पत्नी ने सांप को पकड़कर कमंडल में बंद कर दिया।

लड़की देवी मां की भक्त थी। जब देवी-देवताओं को पता चला कि उस लड़की ने यमराज को कमंडल में बंद कर लिया है तो वे देवी मां के पास पहुंचे और उनसे निवेदन किया कि वो यमराज को स्वतंत्र करवाएं, नहीं तो सृष्टि का संचालन रुक जाएगा।

इसके बाद देवी मां लड़की के सामने प्रकट हुई और उससे यमराज को आजाद करने के लिए कहा। फिर लड़की ने देवी मां से कहा कि मैं इन्हें तभी मुक्त करूंगी, जब ये मेरे पति के प्राण लौटा देंगे। सभी देवी-देवता लड़की के सतीत्व के आगे हार गए। फिर लड़की ने नाग को बाहर निकाला। यमराज ने उस लड़की के सतीत्व से प्रसन्न होकर उसके पति को पुनः जीवित कर दिया।

कथा की सीख

इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि पत्नी चाहे तो अपने पति के जीवन से बड़ी से बड़ी मुसीबतों को भी दूर कर सकती है। इसी वजह से शास्त्रों में कहा गया है कि पत्नी के शुभ कामों से पति का भाग्य उज्जवल होता है और बाधाएं खत्म हो जाती हैं। यही वजह है कि स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत और उपवास रखती हैं।