Headlines
Loading...
पीएम मोदी के काशी में रोजाना 2000 लीटर पानी हो रहा है बर्बाद, अपनी जिम्मेदारी दूसरे पर थोपकर बचाव में जुटे जल निगम के अधिकारी...

पीएम मोदी के काशी में रोजाना 2000 लीटर पानी हो रहा है बर्बाद, अपनी जिम्मेदारी दूसरे पर थोपकर बचाव में जुटे जल निगम के अधिकारी...

वाराणसी, ब्यूरो। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के शहर में टूटे टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है। जलकल परिसर में रखे कई टैंकरों में जंग लग गया है। इन्हीं टैंकरों से इन दिनों वार्डों में जलापूर्ति की जा रही है। जलकल के पास 34 टैंकर हैं।इनमें से 10 टूटे और खराब हैं। बावजूद इसके इनका इस्तेमाल किया जा रहा है। 

जिन इलाकों में पानी की समस्या होती है वहां वाटर टैंकर भेजा जा रहा है। एक हजार लीटर के इन टैंकरों से दो सौ लीटर पानी बह जाता है। इस प्रकार 2000 लीटर पानी की बर्बादी प्रतिदिन वाटर टैंकरों से हो रही है। 

उधर मंडुवाडीह से ककरमत्ता जाने वाले मार्ग पर पुल के पहले पाइप लाइन में लीकेज के चलते सड़क किनारे पानी फैल गया है। वाहनों की आवाजाही के चलते कई लोगों के कपड़ों पर छींटे पड़ रहे हैं। जलकल के अधिकारियों के दावे हवाई हवाई साबित हो रहे हैं।

स्ट्रीट लाइट लगवाए लेकिन 150 का कनेक्शन देना भूले

वीडीए और नगर निगम की कारस्तानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। स्ट्रीट लाइट तो लगवा देते हैं लेकिन कनेक्शन देना भूल जाते हैं। चांदपुर चौराहे से लेकर मंडुवाडीह तक स्ट्रील लाइट एक महीने से खड़ा है लेकिन यह हमेशा आफ रहता है।

इसके चलते रात में वाहन चालकों को काफी कठिनाई होती है। शहर के कज्जाकपुरा, जैतपुरा, विश्वेश्वरगंज और अन्य इलाकों में लगी स्ट्रीट लाइटें का कनेक्शन न होने से दिक्कत आ रही है। क्षेत्रीय लोगों ने शिकायत भी की है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। शहर में 60 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं।

इनमें से 800 लाइटें अभी हाल में लगाई गई। 150 लाइटें अभी नहीं जल रही है। यह हाल तब है जब प्रतिदिन जिला प्रशासन और संबंधित विभागों के विभागाध्यक्ष समीक्षा कर रहे हैं।

खराब सड़कों पर उड़ रही धूल से परेशान दुकानदार लगा रहे प्लास्टिक के परदे
शहर की सड़कों की हालत एक बार फिर से खराब हो गई है। कई इलाकों में बनी सड़कों की गिट्टियां उखडऩे लगी हैं। सिगरा चौराहे से सोनिया पुलिस चौकी तक तीन सौ मीटर सड़क पर इतनी धूल उड़ रही है कि लोगों को काफी दिक्कत आ रही है। 

आस पास केदुकानदारों ने धूल से बचने के लिए पारदर्शी प्लास्टिक के परदे लगाए हैं। यही नहीं चेतगंज, औरंगाबाद, नई सड़क के आस पास की भी सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इन सड़कों पर केवल गिटटी और मिट्टी डाली गई है। 

हाल ही में बनी कई सड़कों को खोदकर भी खराब कर दिया गया। इनमें ज्यादातार सरकारी विभाग ही शामिल है। पीडब्ल्ल्यूडी के अधिकारी लगातार सड़क बनाने का दावा तो करते हैं लेकिन इन सड़कों पर पैचवर्क कराके कोरम पूरा करते हैं। बेहतर तरीके से सड़क बनाई जाए तो सड़कों पर धूल न उड़े।

दिन भर चार से पांच बार हो रही बिजली की लाइनें ट्रिप

शहर के कई इलाकों में दिनभर में 4 से 5 बार बिजली लाइनें ट्रिप कर रही है। एक तरफ जहां कुछ सबस्टेशन से मेंटेनेंस वर्क और केबल वायर लगाने को लेकर कुछ घंटों घोषित कटौती की जा रही है। वहीं, शहर के कई क्षेत्रों में सुबह से रात के बीच में 10 मिनट से दो घंटे तक अघोषित कटौती की जा रही है। 

प्रतिदिन उपकेंद्रों केफोन पर दर्जनों लोग पावर ट्रिपिंग, अघोषित कटौती, लेट नाइट पावर कट होने की शिकायत कर रहे हैं। बावजूद इसके राहत नहीं मिल रही है। लोड बैलेंसिंग न होने से लाइनें ट्रिप कर रही हैं। ट्रांसफार्मरों पर लोड बढ़ने से उपकेंद्र से ट्रिपिंग हो जा रही है। 

कई इलाकों में ट्रांसफार्मर फुंक रहे हैं। जहां पर मोबाइल ट्रांसफार्मर से काम चलाया जा रहा है। सोनारपुरा, लंका, ककरमत्ता, औरंगाबाद, जददूमंडी, कज्जाकपुरा, जैतपुरा आदि क्षेत्र में अघोषित कटौती की गई।