Headlines
Loading...
देश के इन शहरों में भगवान राम की लीला का दिखता है अलग ही रंग-रूप

देश के इन शहरों में भगवान राम की लीला का दिखता है अलग ही रंग-रूप




रामलीला , विशेष 
नवरात्रि के पावन पर्व शक्ति की साधना के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के गुणगान करने वाली रामलीला के लिए भी जाना जाता है.इस दौरान देश के तमाम शहरों में प्रभु श्री राम की कथा का लीला के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है. यदि लीला शब्द के अर्थ की बात करें तो यह ईश्वर के अवतारों के चरित्र और उनके कार्यकलापों को अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत करने का तरीका है. जिसे प्रस्तुत करते समय तमाम तरह की मर्यादाओं और नियम का पालन करना पड़ता है. आइए देश की उन प्रसिद्ध एवं अनूठी रामलीला के बारे में विस्तार से जानते हैं जो सालों-साल से लगातार होती चली आ रही हैं.

रामनगर की रामलीला


काशी या फिर कहें वाराणसी में कई स्थानों पर सालों साल से रामलीला होती चली आ रही है. जिसमें चेतगंज, अस्सी, लाट भैरव, चित्रकूट और रामनगर की रामलीला काफी प्रसिद्ध है. इन सभी में रामनगर की रामलीला को काशी नरेश का संरक्षण प्राप्त है. मान्यता है कि इसकी शुरुआत उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ में हुई. पारंपरिक तरीके से पेश की जाने वाली रामनगर की रामलीला यूनेस्को के विश्व धरोहरों की सूची में शामिल है. यहां पर प्रभु श्री राम की कथा को गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस की चौपाई के आधार पर होता है. खास बात यह कि यहां पर पर की जाने वाली रामलीला सालों साल से चली आ रही पारंपरिक पद्धति से की जाती है और इसमें भाग लेने वाले पात्र भी लीला के दौरान मर्यादित जीवन जीते हैं. वाराणसी के नाटी इमली का भरत विलाप काफी प्रसद्धि है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं.

प्रयागराज की रामलीला


संगम नगरी प्रयागराज में भी रामलीला सालों साल से लगातार होती चली आ रही है. प्रयागराज में दो प्रमुख रामलीलाएं की जाती हैं. जिसमें पजावा रामलीला और पथरचट्टी रामलीला शामिल है. मान्यता है कि एक समय जब प्रयागराज में रामलीला की शुरुआत हुई तो लोग लीला में भाग लेने वाले पात्रों को अपने कंधे पर बिठाकर ले जाया करते थे. प्रयागराज की पथरचट्टी रामलीला का स्वरूप बीते कुछ सालों में बदला है. एक समय यहां पर सिर्फ रावण वध की लीला हुआ करती थी, लेकिन वर्तमान में यह कमेटी भव्य तरीके से लोगों के सामने रामकथा को प्रस्तुत करती है.

अयोध्या की रामलीला


भगवान श्री राम की जन्मस्थली यानि अयोध्या में भी उनके गुणों का गुणगान करने वाली लीला सालों साल से होती चली आ रही है. अयोध्या में विभिन्न स्थानों में की जाने वाली रामलीला में लक्ष्मण किला, मणिराम छावनी, राजेंद्र निवास चौराहा की रामलीला काफी प्रसिद्ध है. वर्तमान में प्रभु श्री राम की नगरी में लक्ष्मण किला के मैदान में रामलीला को भव्य स्वरूप प्रदान करते हुए फिल्मी सितारों के माध्यम से इसका मंचन किया जा रहा है. अयोध्या में की जाने वाली रामलीलाओं में भी गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरित मानस की चौपाईयों को बहुत सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया जाता है.

दिल्ली की रामलीला


देश के तमाम हिस्सों की तरह राजधानी दिल्ली में भी रामलीला का इतिहास काफी पुराना है. दिल्ली में कई स्थानों पर भगवान श्री राम की कथा का भव्य तरीके से मंचन किया जाता है, जिसमें आम व्यक्ति से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक उसे देखने के लिए पहुंचते हैं. दिल्ली का रामलीला मैदान यहां के सबसे पुराने स्थानों में से एक है, जहां पर सालों साल से भगवान श्री राम की कथा को प्रस्तुत किया जाता है. यहां पर किया जाने वाला रावण दहन भी काफी प्रसिद्ध है. इनके अलावा लाल किला मैदान, माधव पार्क, सुभाष मैदान और श्रीराम भारतीय कला केंद्र थिएटर में प्रस्तुत की जाने वाली रामलीला भी काफी प्रसिद्ध है. दिल्ली में प्रस्तुत की जाने वाली रामलीला में आपको पौराणिकता और आधुनिकता का संगम देखने को मिलता है.