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Health Insurance : हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद इस कारण से क्लेम देने से इंकार कर सकती है इंश्योरेंस कंपनी

Health Insurance : हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद इस कारण से क्लेम देने से इंकार कर सकती है इंश्योरेंस कंपनी


Health Insurance : कोरोना महामारी के कारण देश में हेल्थ इंश्योरेंस का महत्व काफी बढ़ गया है। हेल्थ इंश्योरेंस किसी भी बड़ी बीमारी से और अचानक आए हॉस्पिटलों के खर्चों से आपको बचाता भी है। इसके अलावा आपको हेल्थ इंश्योरेंस लेने के बाद उसका लाभ उठाते समय कुछ जानकारियों पर विशेष रूप से गौर करना चाहिए, अन्यथा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी आपको क्लेम देने से इंकार कर सकती है। आज हम आपको वह सभी कारण बताएंगे जिनकी वजह से आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।


 हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में क्लेम के लिए सबसे बड़ी शर्त होती है कि अस्पताल में आपका डॉक्टरों और नर्सों के द्वारा सक्रिय रूप से इलाज किया जा रहा हो। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में अक्सर इसे बीइंग एक्टिवली ट्रीटेड (Being Actively Treated) कहा जाता है। उदाहरण के लिए यदि आप किसी हॉस्पिटल में किसी कारणवश डॉक्टर को दिखाने जाते हैं और डॉक्टर आपको एक दिन के लिए सिर्फ निगरानी के लिए हॉस्पिटल में भर्ती होने के लिए कहता है इस स्थिति में इंश्योरेंस कंपनी आपको क्लेम देने से इंकार कर सकती है क्योंकि आप केवल डॉक्टरों की निगरानी में थे न कि आपका वहां पर इलाज हो रहा था।


 यदि आपको उच्च रक्तचाप, मधुमेह आदि बीमारियां हैं तो इंश्योरेंस का कवर आपको पहले दिन से नहीं मिलेगा। इन बीमारियों को इंश्योरेंस में कवर करने के लिए अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनी के मुताबिक 12 से 48 महीने तक का समय लगा सकता है। इस हॉस्पिटल में भर्ती होने पर आपको इंश्योरेंस कवर नहीं मिलेगा।



 आईसीआइसी लॉमबर्ड की वेबसाइट के मुताबिक हेल्थ इंश्योरेंस में रजिस्ट्रेशन चार्जेस, एडमिशन फीस, और सर्विस चार्ज आदि का भी इस्योरेंस कंपनियां क्लेम में भुगतान नहीं करती हैं।


अगर किसी व्यक्ति द्वारा हेल्थ टॉनिक और प्रोटीन शेक का सेवन बीमारी से मुकाबला करने के लिए नहीं किया जाता है तो इसका भुगतान भी बीमा कंपनी के द्वारा नहीं किया जाएगा। इसके अलावा यदि कोई हेल्थ टॉनिक और प्रोटीन शेक डॉक्टर के द्वारा लिखा जाता है तो फिर यह बीमा क्लेम में शामिल किया जाएगा।