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सरकारी सर्वर से हजारों लोगों का कोविड-19 संबंधी डेटा लीक, नाम, मोबाइल नंबर जैसी जानकारियों का धोखाधड़ी में इस्तेमाल होने की आशंका

सरकारी सर्वर से हजारों लोगों का कोविड-19 संबंधी डेटा लीक, नाम, मोबाइल नंबर जैसी जानकारियों का धोखाधड़ी में इस्तेमाल होने की आशंका



नई दिल्ली । भारत में हजारों लोगों का कोविड-19 संबंधी पर्सनल डेटा एक सरकारी सर्वर से लीक होने का मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार, लीक हुए पर्सनल डेटा में हजारों लोगों का नाम, मोबाइल नंबर, पता और कोविड टेस्ट रिजल्ट शामिल है. इन जानकारियों को ऑनलाइन सर्च के ज़रिए एक्सेस किया जा सकता है. लीक हुए डेटा को रेड फोरम की वेबसाइट पर बेचने के लिए रखा गया है, जहां एक साइबर क्रिमिनल ने दावा किया है कि उसके पास 20 हजार से ज्यादा लोगों की व्यक्तिगत जानकारी है. रेड फोरम पर उपलब्ध इस डेटा में लोगों की कोविड-19 रिपोर्ट का रिजल्ट, नाम, उम्र, लिंग, मोबाइल नंबर, पता और तारीख जैसी जानकारियों को देखा जा सकता है.

साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर राजशेखर राजहरिया ने भी ट्वीट किया कि पर्सनली आईडेंटिफिएबल इंफॉर्मेशन (PII) जिसमें नाम और कोविड -19 रिजल्ट शामिल हैं, एक कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) के ज़रिए सार्वजनिक किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि Google ने प्रभावित सिस्टम से लाखों डेटा को इंडेक्स किया है. सरकार ने कोविड -19 महामारी और वैक्सीनेशन प्रोग्राम के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए डिजिटल तकनीकों पर बहुत अधिक भरोसा किया है. कई सरकारी विभाग लोगों को कोविड -19 संबंधित सेवाओं और सूचनाओं के लिए आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करने के लिए बाध्य करते हैं.



राजहरिया ने 20 जनवरी को एक अन्य ट्वीट में सावधान करते हुए कहा कि लोगों को फ्रॉड कॉल, कोविड -19 से संबंधित ऑफ़र जैसी चीजों से सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि उनका डेटा बेचा डार्क वेब में बेचा जा रहा है. डार्क वेब में बेचे जाने वाले डेटा का इस्तेमाल अक्सर साइबर क्रिमिनल्स और जालसाजों द्वारा अलग-अलग तरह की धोखाधड़ी के लिए किया जाता है.