Headlines
Loading...
वाराणसी,एक्सक्लूसिव::ओपीडी में 1800 लोगों की भीड़, 18 बेड वाला चिल्ड्रेन वार्ड हुआ फुल, इमरजेंसी का आधा बेड हुआ...

वाराणसी,एक्सक्लूसिव::ओपीडी में 1800 लोगों की भीड़, 18 बेड वाला चिल्ड्रेन वार्ड हुआ फुल, इमरजेंसी का आधा बेड हुआ...

वाराणसी, ब्यूरो। मौसम के बदलते तेवर का असर सेहत पर देखने को मिल रहा है। बड़ों के साथ बच्चे भी चपेट में आ रहे हैं। किसी बच्चे को उल्टी, दस्त है तो किसी को सर्दी, जुकाम, बुखार। ऐसे में परिजन बच्चों को अस्पताल लेकर पहुंच रहे हैं। कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल का 18 बेड का चिल्ड्रेन वार्ड फुल हो चुका है। अब बच्चों को दूसरे वार्ड में भर्ती किया जा रहा है।

इमरजेंसी में भी आधे से अधिक बेड मरीजों से भरे हैं। "केसरी न्यूज नेटवर्क" की पड़ताल में सरकारी अस्पतालों (मंडलीय अस्पताल, दीनदयाल अस्पताल, शास्त्री अस्पताल) में पर्चा काउंटर, पैथालॉजी में जांच कराने के लिए लाइन के साथ ही ओपीडी में भी फिजिशियन, बाल रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में भरी भीड़ दिखी।

मंडलीय अस्पताल में पिछले सप्ताह तक 1200 तक मरीज पहुंच रहे थे, वह संख्या बढ़कर 1800 तक पहुंच गई है। 18 बेड वाला चिल्ड्रेन वार्ड बच्चों से भर गया है। इसमें आधे से अधिक बच्चे मौसमी बीमारियों की चपेट वाले हैं। अस्पताल की ओर से एक अन्य वार्ड में बच्चों को भर्ती कराया जा रहा है।

जिला अस्पताल: नौ वॉटर कूलर में से दो खराब, तीन से आ रहा गर्म पानी

दीनदयाल अस्पताल में मरीजों के सामने पेयजल संकट खड़ा हो गया है। कहने के लिए 9 जगहों पर वॉटर कूलर हैं, इनमें से दो खराब हैं, जबकि तीन जगहों पर गर्म पानी आ रहा है। मरीज और उनके परिजन भीषण गर्मी में बाहर से पानी खरीदकर पीने को मजबूर हैं। यही नहीं कई जगहों पर पंखे भी नहीं चल रहे हैं। भोजूबीर के गुलाब सिंह का कहना है कि सरकार द्वारा पब्लिक को सुविधा देने की बात की जाती है लेकिन, सरकारी महकमे में  कार्यरत कर्मचारी ही सरकार को बदनाम करते हैं।

हर दिन वाराणसी में शहरी, ग्रामीण इलाकों से एक हजार से अधिक मरीज ओपीडी, इमरजेंसी में आते हैं। गर्मी को देख जिलाधिकारी ने पिछले दिनों पंखा, कूलर की व्यवस्था, पेयजल की बेहतर आपूर्ति के निर्देश दिए थे, लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखा है।

पांडेयपुर निवासी राजेश, शुभम और कुसुम और मीना ने बताया कि गर्मी में पानी बाहर से खरीदना पड़ रहा है। सीएमएस डॉ. दिग्विजय सिंह का कहना है कि अस्पताल में खराब पंखों को ठीक कराया जा रहा है। वॉटर कूलर में गर्म पानी निकलने की जानकारी नहीं है। अगर ठंडा पानी नहीं मिल रहा तो वॉटर कूलर की मरम्मत कराई जाएगी।

यह बरतें सावधानी

-धूप से आने के बाद फ्रिज का पानी पीने से बचें।
-ज्यादा तेल मसाला युक्त भोजन से परहेज करें।
-मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
-अगर बाहर धूप में निकल रहे हैं तो चेहरा ढककर निकलें।
-शरीर में पानी की मात्रा कम नहीं होनी चाहिए।

बोले अधिकारी

बड़ों की तुलना में बच्चों की सेहत के लिए यह मौसम ज्यादा सावधानी बरतने वाला होता है। निजी अस्पतालों की ओपीडी में भी अलग-अलग बीमारियों से ग्रसित बच्चे पहुंच रहे हैं। - डॉ. आलोक भारद्वाज, सामाजिक सचिव, भारतीय बाल अकादमी।

बच्चों का वार्ड भर गया तो बगल में बने पीआईसीयू में भी बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। इमरजेंसी में भी उल्टी, दस्त, बुखार वाले मरीज भर्ती हैं। डॉक्टरों की टीम बच्चों की लगातार निगरानी कर रही हैं। - डॉ. एसपी सिंह, एसआईसी, मंडलीय अस्पताल।

ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या 100 से बढ़कर 150 तक पहुंच गई है। इसमें सर्दी-जुकाम के साथ पेट संबंधी बीमारी वाले मरीज अधिक हैं। सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। - डॉ. पीके सिंह, फिजिशियन, दीनदयाल अस्पताल।