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लखनऊ : हजरतगंज से हटेगा 102 साल पुराना लखनऊ चिड़ियाघर, 1000 जानवरों को मिलेगा नया घर,,,।

लखनऊ : हजरतगंज से हटेगा 102 साल पुराना लखनऊ चिड़ियाघर, 1000 जानवरों को मिलेगा नया घर,,,।



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एजेंसी डेस्क : (ब्यूरो),लखनऊ। चिड़ियाघर 29 नवंबर 1921 को 102 साल का हो गया और अब उसे दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी है।

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शासन की ओर से भेजे प्रस्ताव के मुताबिक, 102 साल पुराने चिड़ियाघर को शिफ्ट किया जाएगा.लखनऊ चिड़ियाघर जिसका पूरा नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डेन है, उसे अब हजरत गंज से कुकरैल में शिफ्ट किया जाएगा।

केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को ये प्रस्ताव भेजा गया है.प्रस्ताव मंजूरी के बाद नए चिड़ियाघर पर काम होना शुरू होगा.कुकरैल में बनने वाला नया चिड़ियाघर या प्राणि उद्यान लगभग 150 एकड़ में फैला होगा. इसके साथ ही 350 एकड़ में यहां नाइट सफारी का भी निर्माण कराया जाएगा।

निर्माण होने के बाद पुराने चिड़ियाघर से 1 हजार से अधिक जानवरों को स्थानांतरित किया जाएगा. शासन ने यह कदम शहर के बीचोंबीच वाहनों के बढ़ती आवाजाही, ट्रैफिक जाम और शोरशराबे को देखते हुए लिया गया है. नए चिड़ियाघर में जानवरों को कुकरैल में शांत वातावरण और ज्यादा हरा भरा माहौल मिलेगा।


नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान यानी लखनऊ चिड़ियाघर यूपी की राजधानी लखनऊ में है, औऱ राज्य का सबसे पुराना चिड़ियाघर है. 1921 में बना यह चिड़ियाघर 29 हेक्टेयर यानी 71 एकड़ में है. वाजिद अली शाह अवध के नवाब थे. सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार, यह विशालकाय चिड़ियाघरों में से एक है। 

यह लखनऊ में 29 नवंबर 1921 को प्रिंस ऑफ वेल्स के आगमन की स्मृति में बनाया गया था. सर हरकोर्ट बटलर जो तत्कालीन स्टेट गवर्नर थे, उन्होंने ये जूलॉजिकल गार्डेन्स बनाने का प्रस्ताव दिया था।