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'काशी विश्वनाथ मंदिर की जगह मुस्लिम पक्ष ने.', ज्ञानवापी के मूलवाद मामले में हिंदू पक्ष का दावा, कही बात, फैसले में अब देरी नहीं होनी चाहिए...

'काशी विश्वनाथ मंदिर की जगह मुस्लिम पक्ष ने.', ज्ञानवापी के मूलवाद मामले में हिंदू पक्ष का दावा, कही बात, फैसले में अब देरी नहीं होनी चाहिए...

वाराणसी के एफटीसी कोर्ट (सीनियर डिवीजन) में ज्ञानवापी मामले के 1991 के मूलवाद की सुनवाई जारी है। सुनवाई में हिन्दू पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है। अब मुस्लिम पक्ष बहस कर रहा है। हिन्दू पक्ष की ओर से बहस करते हुए लॉर्ड विश्वेश्वर के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने दावा किया कि मुस्लिम पक्ष जिस प्लॉट संख्या 9130 को वक्फ सम्पत्ति बता रहा है जहां ज्ञानवापी मस्जिद खड़ी है वो फर्जी तरीके से वक्फ की गई है। 

विजय शंकर रस्तोगी ने सुप्रीम कोर्ट के 1982 में दिए गए फैसले के आधार पर ये दावा किया। विजय शंकर रस्तोगी ने कोर्ट को बताया कि दोषीपुरा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 1982 में एक फैसले में वाराणसी के 245 वक्फ सम्पत्ति जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद भी शामिल है, उसे फर्जी बताया था। विजय शंकर रस्तोगी ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के आधार पर मुस्लिम पक्ष का दावा स्वतः ही खारिज हो जाता है।

मीडिया से बातचीत में विजय शंकर रस्तोगी ने बताया- मुस्लिम पक्ष शुरू से ही इस तरह का फर्जीवाड़ा करते आया है। 1936 के दीन मोहम्मद के मामले में भी रिकॉर्ड में फर्जी तरीके से काशी विश्वनाथ की जगह अहले इस्लाम लिख दिया गया था। फिर इसे वक्फ सम्पत्ति बताने की कोशिश हो रही है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 1982 में दिए गए फैसले ने अब इस मामले को बिल्कुल क्लियर कर दिया है और फैसला हिन्दुओं के ही हक में होगा।

इसे लेकर जब मुस्लिम पक्ष के वकील अखलाक अहमद से बात की गई तो उनका कहना था- हम अपनी बात पर कायम हैं कि प्लॉट संख्या 9130 वक्फ सम्पत्ति ही है। रिकॉर्ड में अहले इस्लाम ही लिखा है। हिन्दू पक्ष का आरोप निराधार है कि रेकॉर्ड में फर्जीवाड़ा किया गया है। कहीं कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है. 1982 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र पहले क्यों नही हुआ। अब क्यों हो रहा है? अगर ऐसा कोई फैसला है तो हिन्दू पक्ष रिकॉर्ड दिखाए हम कोर्ट को इसका जवाब देंगे।

‘अब देर नहीं होनी चाहिए’

विजय शंकर रस्तोगी से जब ये पूछा गया कि दिसंबर 2023 में हाई कोर्ट ने वाराणसी जिला कोर्ट को छह महीने में मामले के निस्तारण का निर्देश दिया था तो इतना विलम्ब क्यूं हो रहा है? इस पर विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि कुछ हिन्दुओं की वजह से मामले को खींचा जा रहा है। एक के बाद एक याचिकाएं दाखिल की जा रही हैं। एक निरस्त हो रहा है तो दूसरा और फिर तीसरा….. ताकि मामला खिंचता रहे. इससे मुस्लिम पक्ष भी खुश है कि हिन्दू आपस में ही लड़ रहे हैं। लेकिन मूलवाद मामले में जो नए तथ्य और सुबूत कोर्ट के सामने रखे गए हैं उससे फैसले में अब देर नहीं होनी चाहिए।