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'मुझे भले ही गद्दार कह लें पर सच है कि भारतीय ड्रोनों से बेशुमार शहादतें हुई',पाकिस्तानी पत्रकारों ने खोली पाक सरकार की पोल.. जानिए सच...

'मुझे भले ही गद्दार कह लें पर सच है कि भारतीय ड्रोनों से बेशुमार शहादतें हुई',पाकिस्तानी पत्रकारों ने खोली पाक सरकार की पोल.. जानिए सच...

Operation Sindoor: पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद सरकार द्वारा कथित जीत का जश्न मनाने के दावों पर वहां के पत्रकारों और रक्षा विशेषज्ञों ने तीखे सवाल उठाए हैं। पाकिस्तानी पत्रकार अहमद नूरानी, असद तूर और कमर चीमा ने शहबाज शरीफ सरकार की नीतियों और प्रचार को चुनौती दी है, जिसने 11 मई को 'शुक्रिया दिवस' मनाकर जनता को यह विश्वास दिलाया कि चार दिन की जंग में पाकिस्तान विजयी रहा है। इस दावे के साथ जनता ने पटाखे फोड़े, लेकिन पत्रकारों ने इन दावों की सच्चाई को कठघरे में ला खड़ा किया है।

अहमद नूरानी, जो अपनी बेबाक पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं, उन्होने यूट्यूब पर एक वीडियो में सरकार पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'भारत ने हमारे पंजाब और सिंध प्रांतों के शहरों में ड्रोन हमले किए।

रावलपिंडी के स्टेडियम से लेकर अटक तक, भारतीय ड्रोन सैकड़ों की संख्या में आए और जहां चाहा, वहां हमला किया। इन हमलों में बेशुमार लोग मारे गए। पूरे पाकिस्तान में खौफ का माहौल रहा।' नूरानी ने सवाल उठाया, 'पाकिस्तान ने भी जवाबी हमले किए, लेकिन क्या नुकसान पहुंचाया? इसके कोई सबूत नहीं हैं। दूसरी ओर, भारत के हमलों के नुकसान के प्रमाण मौजूद हैं। सात तारीख के बाद हमारे शहरों में दहशत थी, लेकिन अमृतसर को छोड़कर भारत के शहरों में ऐसा कुछ नहीं हुआ।'

मुझे गद्दार कह लें, हजार बार कह लें

नूरानी ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा, 'मुझे गद्दार कह लें, हजार बार कह लें, लेकिन अगर हम सच को नहीं स्वीकारेंगे तो बेहतरी नहीं ला सकते।' उनके इस वीडियो को दो हजार से ज्यादा प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिनमें कई लोग उनके समर्थन में दिखे। नूरानी के कुछ वीडियो को पाकिस्तानी सरकार ने ब्लॉक भी किया है, जो उनकी बेबाकी को दर्शाता है।

इसी तरह, रक्षा विशेषज्ञ कमर चीमा ने भी सरकार के दावों को खारिज किया। एक टीवी प्रोग्राम में उन्होंने कहा, 'भारत ने हमारे घर में घुसकर हमला किया। नरेंद्र मोदी 100% नहीं, 200% सफल रहे हैं। हमारी नेतृत्व पूरी तरह भ्रमित है। हमें नहीं पता कि इसका जवाब कैसे देना है।' चीमा ने पाकिस्तानी जनता को आगाह करते हुए कहा कि सरकार का प्रचार वास्तविकता से कोसों दूर है। उन्होंने भारत की सैन्य ताकत और रणनीति की तारीफ करते हुए पाकिस्तान की कमजोर प्रतिक्रिया पर सवाल उठाए।

पत्रकार असद तूर ने भी सरकार से कड़े सवाल पूछे। उन्होंने कहा, 'भारत अगर पारंपरिक युद्ध लड़ेगा, तो पाकिस्तान को इतना नुकसान होगा कि उसे इसकी कीमत बहुत भारी लगेगी। भारत में एक-दो कार्रवाइयों की कीमत हमारे लिए बहुत ज्यादा है। हम जितना हासिल करते हैं, उससे कहीं ज्यादा खो देते हैं। भारत हमारी कीमत बढ़ाना चाहता है।' तूर ने सरकार की रणनीति और जवाबी कार्रवाइयों की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए, जो पाकिस्तानी सेना की कमजोरियों को उजागर करता है।

पत्रकार खुलकर सरकार से सवाल पूछ रहे हैं

पाकिस्तान में मीडिया पर सेना की कड़ी सेंसरशिप है। पत्रकारों और यूट्यूबरों को अपनी बात रखने से पहले सैन्य दृष्टिकोण का ध्यान रखना पड़ता है। इसके बावजूद, ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) में भारत द्वारा किए गए हमलों और पाकिस्तान की हार के बाद कई पत्रकार खुलकर सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। नूरानी, चीमा और तूर जैसे पत्रकारों ने जनता को सच दिखाने की कोशिश की है, जिससे पाकिस्तान सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। 

11 मई को 'शुक्रिया दिवस' के नाम पर जनता को गुमराह करने की कोशिश की गई, लेकिन इन पत्रकारों ने यह साबित कर दिया कि सरकार के दावे खोखले हैं। भारत के ड्रोन हमलों ने पाकिस्तान के कई शहरों में दहशत फैलाई, जबकि पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाइयों का कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया। यह घटना न केवल पाकिस्तान की सैन्य कमजोरी को उजागर करती है, बल्कि वहां के पत्रकारों की साहसिक आवाज को भी सामने लाती है, जो सेंसरशिप के बावजूद सच को उजागर करने में जुटे हैं।