'मेक इन इंडिया' हथियार से भारत ने उड़ाई थीं 76 चौकियां, PAK को चीन और तुर्किए भी नहीं देंगे इतनी ताकत, शहबाज, मुनीर के उड़े होश...
ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी ठिकानों की तबाही के बाद पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया और इसी बौखलाहट में उसने भारत के सैन्य ठिकानों पर हमले करने की नाकाम कोशिश की। 8-10 मई को उसने भारत के अलग-अलग शहरों के सैन्य ठिकानों और सिविलियन एरिया में 413 ड्रोन और 860 मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की, जिसका भारतीय सेना ने मुंह तोड़ जवाब दिया और उसकी सारी कोशिशें नाकाम कर दीं।
ऑपरेशन सिंदूर में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने अहम भूमिका निभाई। जिन हथियारों से पाकिस्तानी ड्रोन्स और मिसाइलों को नष्ट किया गया, उनकी हाल ही में एक प्रदर्शनी हुई। प्रदर्शनी में बताया गया कि कैसे इन हथियारों ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए।
भारत के खतरनाक हथियारों में स्वदेशी विध्वंसक एंटी-मटेरिलय राइफल भी शामिल है, जिसने पाकिस्तानी बंकरों, टावरों और अवलोकन चौकियों को तबाह कर दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. 27 मई को जम्मू के बीएसएफ फ्रंटियर हेडक्वार्ट्स में हथियारों की प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसमें बीएसएफ ने ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किए गए हथियारों को दिखाया, इनमें विध्वसंक राइफल, ऑटोमैटिक ग्रेनेड लॉन्चर, 12.7 मिमी एंटी-एयरक्राफ्ट गन और मीडियम मशीन गन (MMG) शामिल थे. बीएसएफ ने बताया कि इन हथियारों ने कैसे पाकिस्तानी चौकियों को तबाह कर दिया।
बीएसएफ ने इन हथियारों की मदद से जम्मू और पंजाब सीमा पर जवाबी कार्रवाई करते हुए 76 पाकिस्तानी चौकियों, 44 फॉरवर्ड डिफेंस लोकेशंस (FDLS) और तीन आतंकी लॉन्च पैड नष्ट किए थे. भारत की जवाबी कार्रवाई में सियालकोट और जम्मू सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजर्स को चौकियां छोड़कर भागना पड़ा था।
विध्वंसक की ताकत
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के अधिकारी राकेश कौशिक ने बताया कि विध्वंसक राइफल की रेंज 1300 मीटर से 1800 मीटर तक है. इसमें बैरल्स, बोल्ट्स और मैग्जीन को जरूरत के हिसाब से बदला जा सकता है. एक मैग्जीन के तीन राउंड होते हैं और यह दुश्मन के पिलबॉक्स, बंकर, टावरों, अवलोकन चौकियों और बख्तरबंद को नष्ट कर सकता है. यह 14.5 मिमी और 20 मिली गोला-बारूद इस्तेमाल करता है।
विध्वंसक की खासियतें
1300 मीटर की रेंज तक विध्वंसक राइफल निशाना लगाता है और बंकरों और बख्तरबंदों को नष्ट कर सकता है. अलग-अलग गोला-बारूद और बैरल के साथ यह विभिन्न मिशनों के लिए उपयुक्त है. बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसका तीन सेनाकर्मी इस्तेमाल कर रहे थे. उन्होंने बताया कि विध्वंसक से पाकिस्तानी अवलोकन चौकियों को तबाह कर दिया गया।
अधिकारी ने बताया कि यह एक मिनट में 650-1000 राउंड कर सकता है और यह इतना तेज है कि पानी के बहाव को भी रोक सकता है. उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव बहुत तेज है. जितनी भी चौकियां इसकी रेंज में थीं, उन्हें इसने बुरी तरह नष्ट कर दिया।
पूरी तरह स्वदेशी है विध्वंसक राइफल
विध्वंसक स्वदेशी एंटी-मटेरियल राइफल है. ये मेक इन इंडिया हथियार भारत की रक्षा आत्मनिर्भता का प्रतीक है. इसे आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ARDE) और ऑर्डनेंस फैक्ट्री तिरुचिरापल्ली ने विकसित किया है. साल 2024 में बीएसएफ ने 40 विध्वंसक राइफल्स का ऑर्डर दिया था।