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शिक्षा, समाजसेवा, देशभक्ति जागरूकता सहित अनेकों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनेवाले   मास्टर सत्तार अहमद हुए नीरा अमृत सम्मान से सम्मानित...

शिक्षा, समाजसेवा, देशभक्ति जागरूकता सहित अनेकों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनेवाले मास्टर सत्तार अहमद हुए नीरा अमृत सम्मान से सम्मानित...

समाजसेवी मास्टर सत्तार अहमद हुए नीरा अमृत सम्मान से सम्मानित।

- शिक्षा, समाजसेवा, देशभक्ति जागरूकता सहित अनेकों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के लिए क्रांतिकारी वंशज मास्टर सत्तार अहमद को किया गया सम्मानित ।

- सम्मान के आयोजक डाक्टर हिमांशु शर्मा ने समाज में छुपी हुई प्रतिभाओं को देश व दुनिया के सामने लाने के लिए सामाजिक कार्यकर्त्ता विपुल जैन का जताया आभार।

बागपत, उत्तर प्रदेश। रिपोर्ट, विवेक जैन। 

इंसानियत को गौरवान्वित करने वाले और उजीदा, अशरफ व मौहम्मद हुसैन की महान पीढ़ी में जन्मे मास्टर सत्तार अहमद बसौद को शिक्षा, समाजसेवा, देशभक्ति जागरूकता सहित अनेकों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के लिए नीरा अमृत सम्मान से सम्मानित किया गया। 

सम्मान के आयोजक डाक्टर हिमांशु शर्मा ने बताया कि गांव बसौद के निवासी मास्टर सत्तार अहमद का जन्म 1 दिसम्बर वर्ष 1961 को हुआ। बचपन से ही बड़े धार्मिक स्वभाव के है और देशभक्ति के कार्यो में बढ़-चढ़कर भाग लेते है। 

मास्टर सत्तार अहमद ने वर्ष 1977 में डोला गांव से हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की। वर्ष 1979 में मितली गांव से इंटरमीडिएट की परीक्षा उर्दू अतिरिक्त विषय के साथ पास की और ग्रेजुएशन की डिग्री अलीगढ़ से प्राप्त की। इंटर के बाद मास्टर सत्तार अहमद का चयन बिजनौर में उर्दू टीचर के लिए हो गया था, लेकिन माता-पिता की सेवा के लिए उन्होंने नौकरी नही की और गांव में ही खेती के साथ-साथ दूध का व्यवसाय प्रारम्भ किया। 
मुस्लिम बाहुल्य गांव में बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से वर्ष 1983 में एसआर माउंटेसरी स्कूल की स्थापना की और कक्षा 5 तक के बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। वर्ष 2012 में स्कूल का नाम बदलकर एम अल अमन स्कूल रख दिया। 

इसके साथ-साथ गांव में शादी होकर आयी बेटियों को इंटर और ग्रेजुएशन कराने और निर्धन बेटियों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उच्च शिक्षा दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। 17 जुलाई वर्ष 1857 में मास्टर सत्तार अहमद के वंशजों व गांव के लोगों के वंशजों ने देश की खातिर अपने जीवन का बलिदान दिया था। उन्ही की याद में मास्टर सत्तार अहमद की युवा चेतना मंच-समिति वर्श 2007 से हर वर्ष बड़े स्तर पर शहादत दिवस का आयोजन करती है। 

मास्टर जी की बड़ी बेटी अंजुम प्रवीण एमएससी-बीएड़ है। छोटी बेटी तरन्नुम एमए इंगलिश-बीएड़ है व बेटे ने एमए-बीएड़ और मकैनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया हुआ है। बेटा लॉ फाईनल ईयर की पढ़ाई के साथ-साथ नोएड़ा स्थित मल्टीनेशनल कम्पनी में उच्च पद पर कार्यरत है। सभी बच्चों ने दिनी तालिम हासिल की हुई है। 

मास्टर सत्तार अहमद ने सम्मानित किये जाने के लिए सम्मान के आयोजनकर्त्ता डाक्टर हिमांशु शर्मा व उनके प्रतिनिधि विपुल जैन का आभार व्यक्त किया और अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने पूर्वजो, पिता स्वर्गीय मोहम्मद हुसैन, माता स्वर्गीय बसीरन, गुरूजनों व परिजनों को दिया। 

इस अवसर पर उनकी पत्नी नौशाबा, पुत्री तरन्नुम, पुत्र समीर अहमद, पुत्र वधु रूबीना त्यागी, राशिद, रहमान आदि उपस्थित रहे।

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