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हरियाणा : कैथल शहर में फर्जी दस्तावेज से बनाई गई रजिस्ट्री को प्रशासन ने किया रद।

हरियाणा : कैथल शहर में फर्जी दस्तावेज से बनाई गई रजिस्ट्री को प्रशासन ने किया रद।


हरियाणा। कैथल शहर के खरादिया मोहल्ला में स्थित करोड़ों रुपये की प्रापर्टी को लेकर चल रहे विवाद में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए फर्जी दस्तावेज के लगा तैयार की गई रजिस्ट्री को रद कर दिया है। वहीं इस मामले में नियमों को ताक पर रखकर गलत कार्य करने वाले कर्मचारियों पर भी कार्रवाई को लेकर गठित की गई कमेटी जांच कर रही है। इस मामले में उपायुक्त प्रदीप दहिया ने जिला राजस्व अधिकारी सुरेश कुमार की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है।

वहीं कमेटी में जिला पालिका आयुक्त, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी कुलदीप मलिक भी शामिल हैं। पिछले दिनों कमेटी ने इस मामले से जुड़े कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए थे। उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि गलत तरीके से रजिस्ट्री को बनाया गया था। इसे रद करने के निर्देश नगर परिषद अधिकारियों को जारी किए थे। वहीं खरादिया मोहल्ला में 143 गज पर नप व नरवाना निवासी एक व्यक्ति के बीच विवाद चल रहा है। 

वहीं नरवाना निवासी एक व्यक्ति ने इस जगह पर अपना दावा जताता था, जबकि नगर परिषद ने इस जगह को अपनी बताया। मार्च माह में इस जमीन पर चल रहे निर्माण कार्य को भी नगर परिषद अधिकारियों ने पुलिस के सहयोग से रूकवा दिया था। वहीं इस मामले में एक कमेटी का गठन प्रशासन ने किया था। नप ने इस मामले में रजिस्ट्री रद करने के लिए भी उपायुक्त को पत्र भी लिखा था, जो अब रद हो चुकी है। मामले में पांच लोगों के विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज की जा चुकी है। 

वहीं नरवाना के प्रेम नगर निवासी व्यक्ति ने इस जमीन को अपनी बताते हुए कहा था कि वर्ष 2020 में सरकारी भाव पर यह जगह घासो निवासी जगरूप सिंह से खरीदी थी और नगर परिषद का इस जमीन से कोई लेना-देना नहीं है। लाल डोरा की यह जगह है और रजिस्ट्री भी उसके नाम है।

वहीं नप के रिकार्ड में भी यह जगह जगरूप सिंह के नाम थी। उसने नक्शा पास करवाते हुए इसकी रजिस्ट्री अपने नाम करवाई थी। वहीं यह भी बात सामने आई थी कि जिस जगह पर काम चल रहा था उसका आइडी नंबर 356 है, जबकि मालिक के पास जो दस्तावेज थे वह आइडी नंबर 956 है।