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यूपी : गंगा नदी को प्रदूषित करने वाली टेनरी पर तीन लाख का जुर्माना, मालिक को दो साल की सजा

यूपी : गंगा नदी को प्रदूषित करने वाली टेनरी पर तीन लाख का जुर्माना, मालिक को दो साल की सजा


लखनऊ । गंगा नदी में टेनरी का गंदा पानी प्रवाहित करने के मामले में सीबीआइ/प्रदूषण की विशेष अदालत ने मेसर्स पाशा टेनर्स व इसके मालिक को दोषी करार दिया है। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट यशा शर्मा ने कानपुर की इस टेनरी पर तीन लाख का जुर्माना ठोका है, जबकि इसके मालिक अभियुक्त शारिक जमाल को दो साल की सजा सुनाई है। साथ ही इस पर भी 20 हजार का जुर्माना ठोका है। उन्होंने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जुर्माने की धनराशि अदा नहीं करने पर अभियुक्त को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

जनवरी, 2013 में उप्र जल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस मामले में टेनरी व इसके प्रोपराइटर शारिक जमाल के खिलाफ अदालत में परिवाद दर्ज कराया था। विशेष वकील एके चौबे के मुताबिक अभियुक्त शारिक जमाल कानपुर के जार्जमऊ इलाके में अवैध रुप से यह टेनरी संचालित कर रहा था, जिसकी वजह से टेनरी का गंदा पानी गंगा नदी में प्रवाहित हो रहा था। जबकि 29 मई, 2012 को जिला प्रशासन द्वारा गठित समिति ने इस टेनरी को बंद करने का आदेश जारी किया था। 18 दिसंबर, 2012 को उप्र जल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक डा. टीएन सिंह ने टेनरी का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि अभियुक्त प्रदूषण से संबधित आदेश का उल्लघंन करते हुए अपनी टेनरी संचालित कर रहा है। जिससे गंगा नदी का जल प्रदूषित हो रहा है। विशेष अदालत ने विचारण के पश्चात टेनरी व इसके मालिक को जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम की धारा 44 व 41 के तहत दोषी करार दिया।