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बड़े-बड़े काम बना सकता है आक का पेड़, इसमें माना जाता है भगवान गणेश का वास !

बड़े-बड़े काम बना सकता है आक का पेड़, इसमें माना जाता है भगवान गणेश का वास !


धर्म । हिंदू धर्म (Hindu Religion) में पेड़ पौधों की विशेषता और इनके धार्मिक महत्व के बारे में बताया गया है. इस कड़ी में आज हम बात करेंगे आक का पेड़ (Aak Tree) की. इस पेड़ को आम भाषा में आकड़ा, अकउआ और मदार के नाम से जाना जाता है. ये पौधा आपको राह चलते आसानी से किसी भी बंजर भूमि में देखने को मिल जाएगा. इसमें सफेद और हल्के बैंगनी रंग के फूल आते हैं. माना जाता है कि आक के पेड़ में स्वयं विघ्नहर्ता गणेश (Vighnaharta Ganesha) का निवास होता है. इसके फूल भगवान शिव (Lord Shiva) को अत्यंत प्रिय हैं. कहा जाता है कि अगर शुभ मुहूर्त में इसे घर में लगाया जाए तो ये पौधा आपके बड़े बड़े काम बना सकता है.



ज्योतिषाचार्य की माने तो अगर किसी व्यक्ति की बीमारी पकड़ में न आ रही हो, तो आक की जड़ का उपाय मददगार हो सकता है. इसके लिए रविवार को पुष्य नक्षत्र में आक की जड़ घर लेकर आएं और उसे गंगाजल से धो लें. इस जड़ पर सिंदूर लगाएं और गुग्गल की धूप दें. इसके बाद गणपति के 108 मंत्र का श्रद्धा के साथ जाप करें. इसके बाद जड़ को रोगी के सिर के ऊपर से 7 बार उतारें और शाम को किसी सुनसान जगह पर जाकर गाड़ दें. ऐसा करने के कुछ समय बाद ही आपको रोगी का रोग पकड़ में आ जाएगा.



आक की जड़ को संतान सुख दिलाने वाला भी माना जाता है. जो महिला संतान सुख से वंचित हो वो पीरियड से निवृत्त होने के बाद आक की जड़ को अपनी कमर में बांध ले. इसे लगातार अगले पीरियड आने तक बांधे रहना है. ऐसा करने से महिला को सन्तान का सुख अवश्य मिलता है.


ज्योतिषाचार्य का कहना है कि अगर सफेद फूलों वाले आक के पौधे को रविपुष्य योग में घर के मुख्य दरवाजे के पास लगाया जाए तो ये ये पौधा घर को बुरी नजर, टोना-टोटका, तन्त्र-मन्त्र के दुष्प्रभाव से बचाता है. इसे लगाने से परिवार पर बुरी आत्माओं, दुर्भाग्य और दुष्ट-ग्रहों की वृद्धि का प्रभाव भी नहीं पड़ता. यदि किसी व्यक्ति पर तान्त्रिक अभिकर्म किया हुआ है तो आक का एक टुकड़ा अभिमन्त्रित करके कमर में बांधने से तान्त्रिक क्रिया निष्फल हो जाती है.


इस पेड़ को सौभाग्य लाने वाला माना जाता है. अगर आपका भाग्य आपका साथ नहीं देता तो इसकी जड़ को अभिमन्त्रित करके दायीं भुजा पर बांधें और गणेश जी का सौभाग्य वर्धक सकटनाशन स्तोत्र का पाठ करें.