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यूपी: वाराणसी में खराब सभी स्ट्रीट लाइट करें दुरुस्त, एलइडी लाइट से शहर को रोशन करने के लिए जुड़ी है ईईएसएल कंपनी।

यूपी: वाराणसी में खराब सभी स्ट्रीट लाइट करें दुरुस्त, एलइडी लाइट से शहर को रोशन करने के लिए जुड़ी है ईईएसएल कंपनी।


वाराणसी। शहर को अंधेरे की ओर ढकेल रही कंपनी ईईएसएल पर नगर निगम कार्यकारिणी ने चाबुक चलाया है। दो टूक शब्दों में नगर निगम प्रशासन से कंपनी के अनुबंध खत्म करने का निर्णय सुनाया है। इस कार्रवाई से बचने के लिए कंपनी को एक अवसर भी दिया है। एक माह में बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों को दुरुस्त करने का फरमान सुनाया है। कहना है कि ऐसा करने में असमर्थ रहने पर कंपनी का अनुबंध टूट जाएगा जिसकी जिम्मेदारी खुद कंपनी पर होगी। इस बाबत शासन को भी पूर्व में ही अवगत कराया जा चुका है।

वहीं महापौर मदुला जायसवाल की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कार्यकारिणी की बैठक बिल्कुल बदले मिजाज में नजर आई। हालांकि, शहर विकास में कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने के साथ ही विपक्षी दलों के साथ गरमागरम बहस भी हुई। कांग्रेस के पार्षदों ने महापौर व नगर आयुक्त प्रणय सिंह के साथ गृहकर मसले पर तकरार भी की। कांग्रेस के पार्षद सीताराम केसरी अनावासीय भवनों के गृहकर ब्याज माफी का मुद्दा उठाया तो ओकास अंसारी ने नगर आयुक्त पर पार्षदों से मुलाकात का मसला रखा। ये दोनों बिंदू चर्चा में शामिल नहीं किए गए थे, इसलिए थोड़ी गरमागरम बहस के साथ ही विपक्षी दलों ने राजनीतिक रोटियां सेंकी। सुबह 11 बजे से दोपहर पौने दो बजे तक चली कार्यकारिणी में सात बड़े व 24 छोटे प्रस्तावों पर मुहर लगी।

वहीं नगर निगम के 90 वार्डों में ईईएसएल ने सभी तरह की एलइडी स्ट्रीट लाइटों को लगवाने के साथ ही उसके अनुरक्षण का अनुबंध किया है। इसके लिए आठ साल का करार हुआ है लेकिन किसी भी वार्ड में लाइटों का अनुरक्षण नहीं किया जा रहा है जिससे आम लोगों के साथ ही पार्षदों में गुस्सा है। हालात यह है कि कई पार्षदों के घर के सामने लगी लाइटों को दुरूस्त नहीं किया जा रहा है। आए दिन आलोक विभाग में हंगामा व विरोध होता है और कंपनी है कि किसी की नहीं सुनती है। बार-बार की शिकायत से त्रस्त पार्षदों ने इसकी शिकायत महापौर से लेकर नगर आयुक्त तक की। सदन में भी कई बार मामला उठा तो महापौर मृदुला जायसवाल ने नगर आयुक्त प्रणय सिंह से बात कर इस दिशा में पहल करने का निर्देश दिया। इसके बाद इस प्रस्ताव को 91 (1) के कार्यकारिणी की पटल पर रखा गया। अनुबंध के अनुसार खराब लाइटों को दो दिनों में बदल देना था। 30 फीसदी से अधिक स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं।

वहीं उपसभापति नरसिंह दास, पार्षद सीताराम केसरी, शिवप्रकाश मौर्या व सुशील गुप्ता योगी, अपर नगर आयुक्त दुष्यंत कुमार मौर्या व सुमित कुमार, मुख्य अभियंता मोईनुद्दीन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी सिंह, अधिशासी अभियंता विद्युत एवं यांत्रिकी अजय राम, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी, मुख्य नगर लेखा परीक्षक आदि थे।