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इकॉनमी में सुधार के बीच आधार कार्ड ने बनाया रिकॉर्ड, अगस्त में 146 करोड़ लोगों ने किया इस्तेमाल

इकॉनमी में सुधार के बीच आधार कार्ड ने बनाया रिकॉर्ड, अगस्त में 146 करोड़ लोगों ने किया इस्तेमाल

नई दिल्ली. देश कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर की चपेट से बाहर आ रहा है. वहीं दूसरी ओर अर्थव्यवस्था (Economy) में सुधार का एक और सकारात्मक संकेत भी मिलने लगा है. पिछले महीने लोगों ने सरकारी स्कीम का फायदा उठाने के लिए रिकॉर्ड संख्या में आधार कार्ड (Aadhar Card) का इस्तेमाल किया. आधार कार्ड के इस्तेमाल किए जाने वाले डेटा की समीक्षा हुई . इन आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में 146 करोड़ आधार-आधारित ऑथेंटिकेशन (प्रमाणीकरण) किए गए. ये अब तक की रिकॉर्ड संख्या है. ये भारत की 130 करोड़ की आबादी से भी ज्यादा है. इससे ये साबित होता है कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड है, उन्होंने सरकारी स्कीम का फायदा उठाने के लिए इसका एक से अधिक बार इस्तेमाल किया.

अगर आधार कार्ड के आंकड़ों पर नज़र डालें तो अगस्त में अप्रैल और मई के महीनों के मुकाबले इसके इस्तेमाल में लगभग 50 प्रतिशत की छलांग देखी गई. अप्रैल और मई में देश कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में था. इन दो महीनों के दौरान सिर्फ 96.6 करोड़ ऑथेंटिकेशन हुए. इस साल जुलाई में ये आंकड़ा बढ़कर 137 करोड़ पर पहुंच गया. इससे पहले मई 2020 में 120 करोड़ ऑथेंटिकेशन किए गए थे, लेकिन अगस्त के महीने ने अब तक सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया.



एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘ये डेटा साबित कर रहा है कि देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से उबर रहा है और लोग बड़ी संख्या में आधार का इस्तेमाल कर कर रहे हैं.’ ये डेटा ई-केवाईसी आधारित प्रमाणीकरण भी दिखाता है, जिसमें किसी नागरिक को कागजी दस्तावेजों को दिखाने की आवश्यकता नहीं होती है. ई-केवाईसी ऑथेंटिकेशन भी अगस्त में 16.3 करोड़ के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो मई में 5.3 मिलियन से लगभग तीन गुना अधिक था. कोरोना की वैक्सीन लेने के लिए भी लोग आधार कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे भी ये संख्या लगातार बढ़ रही है.



पिछले कुछ सालों में नरेंद्र मोदी सरकार ने अपनी लगभग सभी कल्याणकारी योजनाओं को आधार से जोड़ दिया है. यानी किसी भी स्कीम का लाभ लेने के लिए लोगों के आधार नंबर देना जरूरी है.
54 मंत्रालयों की लगभग 311 केंद्रीय कल्याण योजनाएं आधार कार्ड से जुड़े हैं. ये सब डायरेक्ट बेनिफिट (डीबीटी) प्लेटफॉर्म के तहत आते हैं. यानी किसी भी स्कीम के तहत दिए जाने वाले पैसे लोगों के खाते में सीधे ट्रांसफर किए जाते हैं. किसानों के लिए पीएम-किसान निधि योजना आधार प्लेटफॉर्म पर आधारित है जिसमें लगभग 10 करोड़ किसानों को हर चार महीने के बाद 2000 रुपये ट्रांसफर किए जा रहे हैं. इसके अलावा, पीएम उज्ज्वला योजना और पीएम गरीब कल्याण योजना, जिसमें गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है ये सब आधार कार्ड से जुड़े हैं.


आधार प्रमाणीकरण का मतलब है कि किसी योजना के लाभार्थी की सही पहचान करने के लिए आधार संख्या का उपयोग किया जा रहा है. साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाता है कि इलेक्ट्रॉनिक रूप से लोगों के खाते में पैसे पहुंच रहे हों. पीएम नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर आधार-आधारित डीबीटी योजना को भ्रष्टाचार को खत्म करने और कोरोना के दौरान लॉकडाउन के समय में भी लोगों को लाभ सुनिश्चित करने के लिए एक गेम-चेंजर करार दिया है. सरकार का दावा है कि उसने 2014 से डीबीटी-आधार प्लेटफॉर्म के जरिए 1,78,396 करोड़ रुपये की बचत की है.


आधार प्रमाणीकरण का मतलब है कि किसी योजना के लाभार्थी की सही पहचान करने के लिए आधार संख्या का उपयोग किया जा रहा है. साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाता है कि इलेक्ट्रॉनिक रूप से लोगों के खाते में पैसे पहुंच रहे हों. पीएम नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर आधार-आधारित डीबीटी योजना को भ्रष्टाचार को खत्म करने और कोरोना के दौरान लॉकडाउन के समय में भी लोगों को लाभ सुनिश्चित करने के लिए एक गेम-चेंजर करार दिया है. सरकार का दावा है कि उसने 2014 से डीबीटी-आधार प्लेटफॉर्म के जरिए 1,78,396 करोड़ रुपये की बचत की है.