COVID-19 जैसा एक चीनी वायरस दुनियाभर में करेगा भयंकर जानलेवा महामारी की शुरुआत, वैज्ञानिकों ने जारी की अब तक की सबसे बड़ी चेतावनी...
नई दिल्ली। दुनिया अभी पूरी तरह COVID-19 और MERS जैसी घातक महामारियों से उबरी भी नहीं है कि वैज्ञानिकों ने एक और संभावित संकट को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए ताज़ा शोध में पता चला है कि चीन में खोजा गया एक नया कोरोनावायरस - HKU5-CoV-2 - इंसानों में महामारी फैलाने से सिर्फ एक छोटा सा म्यूटेशन (जेनेटिक बदलाव) दूर है।
यह वायरस COVID-19 के समान लक्षण पैदा कर सकता है, लेकिन इसकी करीबी रिश्तेदारी MERS (Middle East Respiratory Syndrome) से है - जो अब तक इंसानों में पाए गए सबसे घातक वायरस में से एक रहा है और जिसकी मृत्यु दर लगभग 33% (तीन में से एक) है।
क्या कहती है यह नई रिसर्च?
HKU5-CoV-2 वायरस सबसे पहले चीन की एक लैब में चमगादड़ों में खोजा गया था, वही लैब जिससे COVID-19 के लीक होने की आशंका जताई गई थी। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की टीम ने इस वायरस पर गहराई से रिसर्च की और देखा कि यह मानव कोशिकाओं के साथ कैसे इंटरैक्ट करता है।
शोध के सह-प्रमुख प्रोफेसर माइकल लेटको ने बताया:
"HKU5 वायरस पर पहले बहुत कम अध्ययन हुआ है, लेकिन हमारी रिसर्च से पता चला है कि यह वायरस इंसानी कोशिकाओं को कैसे संक्रमित कर सकता है। HKU5 वायरस इंसानों में फैलने से बस एक छोटा कदम दूर है।"
कैसे फैल सकता है यह वायरस इंसानों में?
HKU5-CoV-2 वायरस के "स्पाइक प्रोटीन" (Spike Protein) में अगर कुछ मामूली जेनेटिक बदलाव हो जाएं, तो यह वायरस इंसान की ACE2 कोशिकाओं से चिपक सकता है। ये ACE2 रिसेप्टर्स हमारी नाक, मुंह और गले में पाए जाते हैं - यही वही स्थान हैं जहां से COVID-19 जैसे वायरस प्रवेश करते हैं। शोध में यह भी देखा गया कि जब तक वायरस में ये विशेष म्यूटेशन नहीं होते, तब तक मानव कोशिकाएं उस पर प्रतिक्रिया नहीं देतीं। लेकिन यदि यह वायरस किसी मिंक या सिवेट बिलाव जैसे मध्यस्थ जानवर में प्रवेश करता है, तो यह वहाँ आवश्यक म्यूटेशन लेकर इंसानों तक पहुंच सकता है।
क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी से हुई पुष्टि
वैज्ञानिकों ने वायरस के "स्पाइक प्रोटीन" की गहराई से संरचना समझने के लिए क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी (Cryo-EM) नामक उच्च-रिज़ॉल्यूशन तकनीक का उपयोग किया। इस प्रक्रिया में यह देखा गया कि वायरस का मुख्य हिस्सा एक 'बंद अवस्था' में रहता है, जिससे वायरस का संक्रमण मुश्किल हो जाता है - लेकिन नामुमकिन नहीं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह संरचना, यदि थोड़ी खुल जाए, तो वायरस का इंसानों में संक्रमण आसान हो सकता है।
MERS से संबंध: चिंता की बड़ी वजह
HKU5-CoV-2 वायरस MERS से बहुत करीबी रूप से जुड़ा हुआ है, जो पहले ही कई देशों में जानलेवा साबित हो चुका है। MERS की मृत्यु दर COVID-19 से कहीं अधिक है। प्रोफेसर लेटको ने चेताया:
"इन वायरसों का MERS से इतना करीबी रिश्ता है कि हमें इनसे बहुत सावधान रहना चाहिए। यदि ये इंसानों में फैलने लगे, तो परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं।"
Wuhan लैब से भी आया था संकेत
शोधकर्ताओं ने यह भी उल्लेख किया कि इस वर्ष की शुरुआत में चीन के वुहान में किए गए एक शोध में यह सामने आया था कि HKU5 वायरस की एक लाइन-Lineage 2- पहले से ही मानव ACE2 रिसेप्टर से जुड़ने में सक्षम है। इसका मतलब यह है कि Lineage 2 इंसानों को बिना किसी अतिरिक्त म्यूटेशन के भी संक्रमित कर सकता है। अब, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पूरे merbecovirus परिवार (जिसमें HKU5 शामिल है) का गहराई से अध्ययन शुरू किया है ताकि भविष्य में संभावित महामारियों को रोका जा सके।
Lineage 2 बन सकता है अगला खतरा
शोध में यह स्पष्ट किया गया है कि Lineage 2 वायरस सबसे ज्यादा तात्कालिक खतरा बन सकता है क्योंकि यह पहले से ही मानव कोशिकाओं में प्रवेश की क्षमता रखता है। इसके अतिरिक्त, HKU5 परिवार के अन्य वेरिएंट भी मात्र कुछ म्यूटेशन की दूरी पर हैं, जो भविष्य में महामारी का कारण बन सकते हैं।
क्यों है यह चेतावनी गंभीर?
* COVID-19 से सबक: पूरी दुनिया COVID-19 से उबरने में वर्षों लगा चुकी है। लाखों लोगों की जान गई, अर्थव्यवस्था चरमरा गई, और स्वास्थ्य व्यवस्थाएं टूट गईं। अब वैज्ञानिकों की यह चेतावनी एक और संभावित तबाही का संकेत देती है।
* कम जानकारी, अधिक खतरा: HKU5 वायरस पर अभी बहुत कम शोध हुआ है। इस वजह से यह समझ पाना कि यह वायरस कब, कैसे और कहां से फैल सकता है - फिलहाल मुश्किल है।
* मध्यवर्ती जानवरों की भूमिका: मिंक और सिवेट जैसे जानवर, जो पहले भी SARS और COVID-19 जैसे वायरस के मध्यवर्ती बन चुके हैं, एक बार फिर से खतरे का माध्यम बन सकते हैं।
अब क्या करें?
* वैज्ञानिकों का मानना है कि इस वायरस की गहराई से निगरानी और रिसर्च बहुत जरूरी है। सरकारों और वैश्विक स्वास्थ्य संगठनों को चाहिए कि वे:
* इन वायरसों पर जन स्वास्थ्य निगरानी तंत्र मजबूत करें।
* संभावित "हॉटस्पॉट" क्षेत्रों की पहचान कर पूर्व-सतर्कता बढ़ाएं।
* लोगों को जागरूक करें कि वे जानवरों से संक्रमण के खतरे को हल्के में न लें।
सावधानी ही बचाव
HKU5-CoV-2 नामक यह नया वायरस भले ही अभी तक इंसानों को बड़े स्तर पर संक्रमित नहीं कर पाया हो, लेकिन यह खतरे की घंटी जरूर है। यह वायरस महज एक छोटा बदलाव दूर है, और दुनिया फिर से महामारी की आगोश में आ सकती है। COVID-19 और MERS जैसी त्रासदियों से मिले सबक को भूलना अब हमारी सबसे बड़ी भूल हो सकती है। वैज्ञानिकों की चेतावनी समय रहते सुननी होगी, ताकि हम भविष्य में एक और वैश्विक संकट से बच सकें।