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आज अयोध्या में राम मंदिर में हुई राम दरबार की स्थापना, सीएम योगी ने किया देव विग्रहों का अभिषेक; पहनाए गए आभूषण...

आज अयोध्या में राम मंदिर में हुई राम दरबार की स्थापना, सीएम योगी ने किया देव विग्रहों का अभिषेक; पहनाए गए आभूषण...

रामनगरी अयोध्या फिर एक बार सज-धज कर तैयार है। सरयू से लेकर राम मंदिर (Ayodhya Ram Temple) तक उत्सव का माहौल है। रामलला तो पहले ही आ चुके हैं। अब मर्यादा पुरुषोत्तम राम का आगमन हुआ है। 

5 जून को पूरे विधि विधान के साथ खास अभिजीत महूर्त में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसके लिए करीब 17 मिनट का शुभ मुहूर्त तय किया गया था। आज दिन में 11:25 बजे से यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वयं अपने हाथों से राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरा किया। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर खास वैदिक मंत्रों से गुंजायमान हो उठा। 

जानकारी के मुताबिक, अयोध्या और काशी के 101 आचार्य मंत्रोच्चार और विधि विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा संपन्न कराने में अपना योगदान दिये। काफी दिनों से इस खास पल का इंतजार अयोध्या ही नहीं पूरे देश को था। जिसमें आज जाकर सभी रामभक्तो को नयनसुख का आनंद मिला।

राम दरबार में विराजमान होंगे कौन से भगवान

भगवान राम के दरबार में भगवान राम, मां सीता, परम भक्त हनुमान के साथ ही भगवान राम के तीनों भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न की भी प्रतिमाएं विराजमान हैं। राम दरबार की स्थापना मंदिर की पहली मंजिल पर हुई। इसके बाद परकोटे में स्थित छह अन्य मंदिरों में भी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस खास पल के लिए गंगा दशहरा का खास दिन चुना गया।

प्राण प्रतिष्ठा के लिए अभिजीत मुहूर्त ही क्यों?

राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के लिए गंगा दशहरा के दिन 17 मिनट के खास अभिजीत मुहूर्त को चुना गया। इसके पीछे की वजह यह है कि मान्यता के मुताबिक, भगवान राम का जन्म त्रेतायुग में अभिजीत मुहूर्त में ही हुआ था। इसलिए राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा अभिजीत मुहूर्त में की जा रही है। 

उत्सव मूर्तियों की पालकी यात्रा, किए रामलला के दर्शन

बुधवार को राम मंदिर में भव्य पालकी यात्रा निकाली गई थी। इसमें राम दरबार, शिव, शेषावतार, मां अन्नापूर्णा, मां दुर्गा, भगवान सूर्य देव, गणेश जी और बजरंगबली समेत 8 देवी-देवताओं की उत्सव मूर्तियाों को राम लला के दर्शन कराए गए थे। इन सभी को पालकी में मखमल की चादर पर विराजमान कर भ्रमण कराया गया था। यह आयोजन देव विग्रहों की स्थापना के पहले अनिवार्य रूप से होने वाले नगर भ्रमण का प्रतीक रहा।


अयोध्या में चल रहा भव्य आयोजन

बता दें कि 3 जून से लेकर 5 जून तक राम दरबार समेत कई देवालयों की प्राण प्रतिष्ठा का विराट आयोजन अयोध्या में किया जा रहा है। आज समापन का दिन है। देवी-देवताओं के आठ मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह 5 जून को गंगा दशहरा के दिन ख़त्म होगा। राम दरबार समेत अष्ट देवालयों में देव विग्रहों के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले दिन यज्ञशाला में विभिन्न शास्त्रीय अनुष्ठान का शुभारंभ किया गया। दूसरे दिन विभिन्न अधिवास हुए और उत्सव विग्रहों का परिसर भ्रमण कराया गया। साथ ही यज्ञमंडप के अलावा प्राण प्रतिष्ठा वाले स्थानों पर भी पूजन किया गया।


(अयोध्या में चल रहा धार्मिक अनुष्ठान)

अयोध्या में मंत्रों के जाप, राम रक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा और अन्य भक्ति भजनों के साथ हवन-पूजन समेत अनुष्ठान चल रहे हैं. भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और भगवान हनुमान की मूर्तियों के साथ-साथ छह अन्य मंदिरों की मुख्य प्राण-प्रतिष्ठा आज होनी है। देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्रतिष्ठा होगी, उनमें शिवलिंग, गणपति, हनुमानजी, सूर्यदेव, भगवती, अन्नपूर्णा, शेषावतार और श्रीरामदरबार प्रमुख हैं।


खास बिछौने पर देव विग्रहों ने किया विश्राम

राम मंदिर में बुधवार को पूरे दिन प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां चलती रहीं। हर तरफ उत्सव-पूजन की धूम रही। शाम जैसे ही हुई, अलग-अलग मंदिरों में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों के सामने छोटी-छोटी शैय्या बिछा दी गईं। ये चौकीनुमा शैय्याएं शीशम की लकड़ी से बनाई गई थीं। इनको फूलों से सजाया गया था और इन पर मखमल का नरम कपड़ा बिछाया गया था। सभी देवी-देवताओं के विग्रह को इस खास बिछौने पर विश्राम कराया गया। गुरुवार को सुबह 6 बजे सभी को जगा दिया गया। क्योंकि आज प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खास पूजन शुरू किया गया है, सीएम योगी भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।

छह कारीगरों ने दस दिन में तैयार किए स्वर्णाभूषण

अहमदाबाद से आए विहिप पदाधिकारी दिनेश ने बताया कि इन आभूषणों का निर्माण छह कारीगरों ने दिन-रात कड़ा परिश्रम कर दस दिन में तैयार किया है। बताया गया कि भगवान के अलग-अलग अंग-प्रत्यंग के आभूषणों के अलावा सोने के तीर धनुष व हनुमान जी गंदा इत्यादि शामिल हैं। बताया गया कि इन सभी आभूषणों को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की सहमति के बाद गुजरात के ही एक श्रद्धालु दिलीप भाई राखी ने रामलला को समर्पित किया है।