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पुलिस की वर्दी में लूटने वाले गिरोह का सरगना ही निकला दारोगा, आरोपितों में सिपाही-होमगार्ड और पीआरडी जवान भी शामिल...

पुलिस की वर्दी में लूटने वाले गिरोह का सरगना ही निकला दारोगा, आरोपितों में सिपाही-होमगार्ड और पीआरडी जवान भी शामिल...

कानपुर। पुलिस की वर्दी पहन लूटपाट और वसूली करने वाले पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह का सरगना कमिश्नरेट में तैनात एक यातायात दारोगा अजीत यादव है, जो अब फरार है। गिरोह में सिपाही, महिला होमगार्ड और पीआरडी जवान भी हैं। पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। डीसीपी ट्रैफिक ने टीएसआइ अजीत यादव को निलंबित कर दिया है।

डीसीपी पश्चिम दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि आरोपितों ने लूट की दो घटनाएं कबूली हैं। गिरोह घर में जुआ, सेक्स रैकेट सहित अन्य अनैतिक कार्यों के चलने की धमकी देकर भी लोगों से वसूली करता था। गिरफ्तार आरोपितों में होमगार्ड राजीव दीक्षित, औरैया निवासी पीआरडी की वर्षा चौहान, कानपुर निवासी अरविंद शुक्ला, कानपुर देहात के अनिरुद्ध सिंह और कन्नौज के अनुज कुमार उर्फ डंपी यादव शामिल हैं।

गिरोह का सरगना फरार

गिरोह का सरगना मैनपुरी निवासी यातायात उप निरीक्षक अजीत यादव फरार है। उसने यातायात संभालने के लिए अपने साथ लगाए होमगार्ड और पीआरडी जवान को साथ मिलाने के साथ अच्छे डील-डौल वाले पांच लोगों को भी शामिल करके गिरोह बनाया था। ये सभी पुलिस की वर्दी पहन कर हूटर लगी गाड़ी से लोगों के घर जाकर उन्हें धमकाते और वसूली करते थे।

पुलिस की पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि आनलाइन रुपये लेने के लिए वह महादेव एप का उपयोग करते हैं। शनिवार को ये लोग रावतपुर क्षेत्र के अंबिका सिंह चंदेल के घर पहुंचे थे। घर वालों ने कुछ संदेह होने पर पुलिस को सूचना दे दी कि घर में घुसे आठ से दस लोग खुद को एसटीएफ का बता रहे हैं। इन लोगों ने भाभी, भतीजी, उसकी सहेली सहित उससे मारपीट करके फर्जी मुकदमे में जेल भेजने के लिए डरा-धमकाया और 1.40 लाख रुपये लेने के साथ 30 हजार रुपये आनलाइन ट्रांसफर करा लिए। जब तक पुलिस पहुंची, सभी फरार हो गए लेकिन पीड़ित परिवार ने गाड़ियों के नंबर नोट कर लिए थे।

पुलिस ने आरोपित को किया गिरफ्तार

पुलिस ने पीछा करके आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। यही लोग बुधवार दोपहर को हनुमंत विहार निवासी आदित्य मिश्रा के घर पहुंचे, तब वहां उनके दोस्त और महिला मित्र भी मौजूद थे।

शातिरों ने सेक्स रैकेट चलने का आरोप लगाकर डरा-धमका कर 30 हजार नकद और 1.25 लाख आनलाइन ट्रांसफर करा लिए। उसके बाद तीनों को रावतपुर में छोड़ दिया। आदित्य ने गाड़ियों के नंबर नोट कर पुलिस को सूचना देकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी।