वाराणसी::दिन से रात तक कॉम्बिंग, छह गांवों के लोग लाठियां लेकर दे रहे पहरा... तेंदुए के दहशत में 20 हजार जिंदगियां...
Terror of Leopard in Varanasi: चिरईगांव गौराकला इलाके की कामाख्या नगर काॅलोनी के पास दिखे तेंदुआ का तीसरे दिन रविवार को भी पता नहीं लगा। इस बीच वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम की तेंदुआ की तलाश में कॉम्बिंग जारी है। आज सोमवार की सुबह भी गांव में टीम तैनात रही।
वहीं, तेंदुआ द्वारा इलाके के तीन युवकों पर हमला करने के कारण गौराकला, चिरईगांव, रुस्तमपुर, बरियासनपुर, सीवो और संदहा समेत छह गांवों में ज्यादा दहशत है। ग्रामीण रात भर लाठी-डंडा लेकर पहरा दे रहे हैं। साथ ही, रात में रह-रह कर पटाखे फोड़ते रहते हैं।
गौराकला के ग्राम प्रधान राजेश उर्फ राजू ने कहा कि शुक्रवार को कामाख्या नगर कॉलोनी के पास बगीचे में तेंदुआ था। मौके पर वन विभाग की टीम पहुंची थी, लेकिन संसाधन विहीन थी। ड्रोन कैमरे की व्यवस्था हमने की, लेकिन उसका लाभ वन विभाग की टीम नहीं उठा पाई।
दोपहर में पिजड़ा बगीचे में रखा गया। कुछ देर बाद पिजड़ा में मांस रखने की बात आई तो हमने दो मुर्गा की व्यवस्था की। दिन भर वन विभाग की टीम रणनीति ही बनाती रही और शाम होते होते तेंदुआ भाग निकला। क्षेत्र के लोग शाम होते ही भयभीत हो जाते हैं और दिन में खेत-बगीचा की ओर निकलने में भी डरते हैं।
चिरईगांव के पूर्व प्रधान धनंजय मौर्य ने कहा कि आखिरकार इलाके के ग्रामीण कब तक डर कर दिन-रात गुजारेंगे। जिला प्रशासन को ग्रामीणों की समस्या और उनके डर के बारे में विचार कर गंभीरता से उपाय करना चाहिए। ताकि, ग्रामीणों की दिनचर्या पहले जैसे सामान्य हो सके।
इलाके के सरस सोनकर, मनीष, पीयूष, साहिल गुड्डू और मीरा ने बताया कि तेंदुआ के हमले के डर के कारण हम लोग रोजमर्रा का अपना काम नहीं कर पा रहे हैं। डर लगा रहता है कि न जाने तेंदुआ कब किधर से आ जाए और हमला कर दे। ग्रामीणों के अनुसार बृहस्पतिवार की रात सीवों गाव में एक मवेशी को तेंदुए ने निशाना बनाया था।
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शनिवार को तेंदुआ के जो पद चिह्न मिले हैं, उससे पूरी संभावना है कि वह इस इलाके से बाहर चला गया है। इसके बावजूद वन विभाग की टीम इलाके में लगातार काॅम्बिंग कर रही है। - स्वाती सिंह, डीएफओ।