"बेटी भी बेटों से कम नहीं" चंदौली जिले की दो बेटी शिवानी-अंजली पाल ने, भीषण गर्मी में पिता के साथ बेचती है गन्ने का जूस...
"बेटी भी बेटों से कम नहीं" चंदौली जिले की दो बेटी शिवानी पाल और अंजली पाल ने, भीषण गर्मी में पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर करती हैं काम
ब्यूरो, चंदौली। जिले के चहनिया में गर्मी के मौसम में जब लोग अपने घरों में ठंडी जगह पर आराम करने की कोशिश कर रहे होते हैं, वहीं चंदौली के कुकुड़ा (भगतुआ) गांव के रहने वाले दिनेश पाल और उनकी दो बेटियां परिवार की आजीविका के लिए दिनभर लगी रहती हैं।
दिनेश पाल की बेटी शिवानी पाल और अंजली पाल अपनी कठिन मेहनत से परिवार की मदद करके खुशहाली की दिशा में अपने कदम बढ़ा रही हैं। शिवानी जो बी.ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं और उनकी छोटी बहन अंजली जो हाल ही में हाई स्कूल पास कर चुकी हैं। दोनों अपने पिता के साथ मिलकर बलुआ पुलिस पिकेट के पास एक ठेले पर गन्ने का रस बेच रही हैं।
इन दोनों बहनों का यह संघर्ष न केवल परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए है, बल्कि यह समाज में भी यह संदेश देता है कि मेहनत और संघर्ष से किसी भी कठिनाई का सामना किया जा सकता है। पिता दिनेश पाल रात में ट्रैक्टर चालक के रूप में काम करते हैं और सुबह बेटियों के साथ गन्ने का रस बेचने के लिए ठेला लगाते हैं। इस काम उनकी दोनों बेटियों अपना हाथ बटाती हैं। साथ ही उनका व्यवहार ग्राहकों के साथ मधुर होता है।
लड़कियों के व्यवहार से राहगीरों भी आकर्षित होते हैं और उनकी मेहनत को सराहते हैं।इन बेटियों का यह संघर्ष उनके परिवार और समाज के लिए एक प्रेरणा है, जो यह साबित करता है कि मेहनत और ईमानदारी से किया गया कार्य हमेशा फलदायक होता है। शिवानी और अंजली का सपना है कि वे अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद देश की सेवा करें और समाज के लिए कुछ खास करें।
यह कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने की राह पर अग्रसर हैं।