भारतीय सेना के जवानों की मूवमेंट पर चीन की नजर, ईज माय ट्रिप ने जाहिर की चिंता, दिया यह तर्क...
ऑनलाइन ट्रेवल पोर्टल ईज माय ट्रिप ने राष्ट्रीय सुरक्षा जुड़ी एक चिंता जाहिर की है। कंपनी ने कहा है कि भारतीय सेना कुछ जवान डिस्काउंट हासिल करने के लिए चायनीज लोगों के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म से टिकट बुक करवा रहे हैं।यह सुरक्षा से जुड़ी गंभीर खामी और चिंता का विषय है।
ईज माय ट्रिप के सहसंस्थापक और चेयरमैन निशांत पट्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "भारतीय सशस्त्र सेना के जवाब एक ऐसी प्लेटफॉर्म से डिस्टकाउंटेड टिकट बुक रह रहे हैं, जिसका स्वामित्व चीन की कंपनियों के पास है। टिकट बुकिंग के दौरान वे अपनी डिफेंस आईडी, रूट और तारीख भी शेयर कर रहे हैं। ऐसे में हमारे दुश्मन को यह पता है कि हमारे जवाब कहां के लिए उड़ान भर रहे हैं।"
पट्टी ने अपने पोस्ट के साथ इस खामी को उजागर करते हुए इससे जुड़े स्क्रीनशॉट्स भी शेयर किए हैं। उन्होंने कहा कि इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। हालांकि, भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से की गई ऐसी किसी बुकिंग के विवरण की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है।
ईजमाईट्रिप के चेयरमैन निशांत पिट्टी ने कहा, "यह बेहद चिंताजनक है कि भारतीय सशस्त्र बलों के सदस्य रक्षा आईडी, यात्रा मार्ग और तारीख जैसी संवेदनशील जानकारी दर्ज करके महत्वपूर्ण चीनी स्वामित्व वाले ट्रैवल प्लेटफॉर्म के माध्यम से रियायती टिकट बुक कर रहे हैं। यह एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिम को उजागर करता है। हमारे दुश्मन संभावित रूप से हमारे सैनिकों के वास्तविक समय के मूवमेंट डेटा तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं। हम स्क्रीनशॉट संलग्न कर रहे हैं जो इस भेद्यता को उजागर करते हैं और संबंधित अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई का आग्रह करते हैं। इस खामी को बिना देरी किए ठीक किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता"
दूसरी ओर, मेकमायट्रिप ने गुरुवार को पट्टी के आरोपों के जवाब में कहा कि वह (मेकमायट्रिप) एक भारतीय कंपनी है और देश के सभी लागू कानूनों और डेटा गोपनीयता ढांचे का पूरी तरह से अनुपालन करती है। कंपनी ने प्रतिद्वंद्वी ईजमाईट्रिप के संस्थापक निशांत पिट्टी के उन आरोपों को खारिज किया है कि कंपनी का मुख्य स्वामित्व चीन के पास है और इसके मंच पर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा की गई बुकिंग का खुलासा दुश्मन के सामने हो जाता है।