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'उस कोरोना मरीज को मार डालो', सरकारी डॉक्टरों के बीच के बातचीत का ऑडियो वायरल, हुआ खुलासा, मुकदमा दर्ज...

'उस कोरोना मरीज को मार डालो', सरकारी डॉक्टरों के बीच के बातचीत का ऑडियो वायरल, हुआ खुलासा, मुकदमा दर्ज...

महाराष्ट्र में डॉक्टरों के बीच बातचीत का एक ऑडियो वायरल हुआ है। इस ऑडियो में एक डॉक्टर अपने सहकर्मी डॉक्टर को निर्देश दे रहा है कि तुम उस महिला(कोरोना मरीज) को मार डालो। यह ऑडियो कोविड महामारी के दौरान 2021 का बताया जा रहा है।ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने दोनों चिकित्सकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।

महाराष्ट्र के युवक ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के लातूर जिले में दो मई 2025 को सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ। इसमें आरोपी डॉ. शशिकांत देशपांडे (जो कोविड महामारी के वक्त 2021 में लातूर के उदगीर सरकारी अस्पताल में अतिरिक्त जिला सर्जन थे) और डॉ. शशिकांत डांगे (जो एक कोविड-19 देखभाल केंद्र में तैनात थे) के बीच बात हो रही है। 

यह ऑडियो उस वक्त की है जब कोविड-19 चरम पर था और अस्पताल मरीजों से भरे हुए थे और संसाधन कम थे।बताया जा रहा है कि ऑडियो में डॉ. देशपांडे ने डॉ. डांगे से कहा कि किसी को भी अंदर जाने की इजाजत मत दो, बस उस दयामी महिला को मार दो। इस पर डॉ. डांगे सावधानीपूर्वक जवाब देते हुए कह रहे हैं कि ऑक्सीजन सहायता पहले ही कम कर दी गई थी।

ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने 24 मई को देशपांडे के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करने और अन्य अपराधों के कानूनी प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया। इंस्पेक्टर दिलीप गाडे ने बताया कि देशपांडे का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है। उन्हें नोटिस जारी किया है तथा उनका बयान दर्ज किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पुलिस ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता की जांच कर रही है। पुलिस ने डॉ. डांगे को भी नोटिस जारी किया है। डांगे जिले से बाहर हैं और कल आएंगे। उसके बाद हम उनका मोबाइल फोन जब्त करेंगे और जांच करेंगे।

यह है पूरा मामला

लातूर के रहने वाले दयामी अजीमोद्दीन गौसुद्दीन (53) की पत्नी कौसर फातिमा को कोविड पॉजिटिव पाया गया था। उनको 15 अप्रैल 2021 को उदगीर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और अस्पताल के प्रबंधन के तहत नांदेड़ रोड पर एक नेत्र अस्पताल के सामने एक इमारत में क्वारंटीन किया गया। अजीमोद्दीन ने बताया कि उनकी पत्नी वहां 10 दिन तक भर्ती रही। भर्ती होने के सातवें दिन जब वह दोपहर का खाना खाते समय डॉ. डांगे के पास बैठा था। उसी समय डॉ. डांगे को डॉ. देशपांडे का फोन आया, उन्होंने फोन स्पीकर पर रख दिया और अस्पताल के मामलों के बारे में बात की।

कॉल के दौरान जब डॉ. देशपांडे ने बिस्तर की उपलब्धता के बारे में पूछताछ की। अजीमोद्दीन ने आरोप लगाया कि डॉ. डांगे ने उन्हें बताया कि कोई भी बेड खाली नहीं है, तो डॉ. देशपांडे ने कहा दयामी मरीज को मार डालो। तुम्हें ऐसे लोगों से निपटने की आदत है। शिकायतकर्ता ने कहा कि वह सदमे में था, लेकिन उस समय चुप रहना ही बेहतर समझा क्योंकि उसकी पत्नी का अभी भी इलाज चल रहा था। कुछ दिनों बाद उसकी पत्नी ठीक हो गई और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उसने कहा कि परेशान करने वाली टिप्पणियां दोबारा सुनने से उसे गहरा दुख पहुंचा है और उसकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। इसके बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।