गर्मी से राहत पाने के लिए माता शीतला से गुहार लगाएंगे काशीवासी, 47 सालो से चली आ रही है परंपरा...
वाराणसी, ब्यूरो। करीब पांच दशक पहले वैशाख मास में प्रचंड गर्मी से बेहाल लोगों ने राहत के लिए माता शीतला से गुहार लगाई थी। माता को जलाभिषेक और चंदन का शृंगार किया। तब इससे राहत मिली थी। तब से हर साल इस मास की पूर्णिमा तिथि पर दूर-दराज से भक्त जुलूस के रूप में पहुंचते हैं और माता का जलाभिषेक करते हैं। साल में इसी दिन ही गर्भगृह में भक्त दर्शन करते हैं।
वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि पर काशी में दशाश्वमेध घाट स्थित माता शीतला मंदिर में जलाभिषेक होता है। रामापुरा मुहल्ले के लोग जुलूस निकालकर माता के दरबार में पहुंचते हैं और माता को नीम की पत्ती और जल चढ़ाते हैं।
मंदिर के महंत पं. शिव कुमार पांडेय लिंगिया ने बताया कि 1978 में प्रचंड गर्मी से लोग परेशान थे। उस समय मंदिर के महंत रहे पं. भवानी शंकर पांडेय ने वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि पर माता को नीम की पत्ती, जल चढ़ाने और चंदन शृंगार की शुरुआत की थी। उस समय काफी भक्तों ने भी जल चढ़ाया था। इसी दिन गर्भगृह में भक्त जाकर जलाभिषेक व दर्शन करते हैं। तब से यह परंपरा चली आ रही है। उन्होंने बताया कि इसदिन का लोग इंतजार करते हैं। सुबह सात से दोपहर एक बजे तक जलाभिषेक होता है।