Kharmas Mein kya Na Karen::आज से खरमास प्रारंभ, 15 मार्च से 15 अप्रैल तक इन मांगलिक कार्यों पर रहेगी रोक, जाने क्या है ये,,,।
Kharmas Me Kya Kare Or Kya Na Kare (खरमास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए): 14 मार्च को सूर्य दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर कुम्भ राशि से निकलकर मीन राशि मे प्रवेश कर चुका है।उदयतिथि के कारण 15 मार्च से खरमास लग गया है जो 15 अप्रैल तक रहेगा। इस बीच कुछ मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में विवाह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश या किसी भी तरह का कोई संस्कार नहीं किया जाता है। जानिए खरमास क्या होता है और इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
क्या होता है खरमास (What Is Kharmas)
जब सूर्य गुरु की राशि धनु या मीन में आता है तो गुरु अस्त होने के कारण कोई भी शुभ कार्य करना अनुचित होता है। बृहस्पति के बलहीन होने के कारण एक माह कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। इस माह सूर्य की मीन संक्रांति 15 मार्च को है जो 15 अप्रैल के बाद समाप्त होगी।
खरमास में क्या नहीं करना चाहिए (Kharmas Me Kya Nahi Karna Chahiye)
1-मुंडन खरमास में नहीं होते।
2-विवाह या कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होगा।
3-इस बीच बेटी या बहू की बिदाई नहीं होती है।
4-नवीन गृह प्रवेश नहीं होगा।
5-किसी व्यावसायिक प्रतिष्ठान का शुभारंभ नहीं होगा।
खरमास में क्या करें (Kharmas Me Kya Karna Chahiye)
खरमास में सूर्य गुरु की राशि में रहते हैं। इस संक्रांति में सूर्य मीन में रहेंगे। इस बीच सूर्य उपासना करनी चाहिए। प्रतिदिन तीन बार श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का पाठ करना चाहिए। श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिये। एक बात स्मरण रहे कि नित्य पूजा वैसे ही चलेगी। आप तीर्थ यात्रा भी कर सकते हैं। खरमास में अन्न दान का बहुत महत्व है। अन्न तथा वस्त्र का दान करें।पिता का प्रतिदिन चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करें। गुरु का आशीर्वाद लें। गायत्री मंत्र का जप करें। इस समय गुरु भी मीन में ही गोचर कर रहा है। अतः प्रत्येक गुरुवार को भगवान विष्णु जी की पूजा करें तथा श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।