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चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और साधना केसरी के बाद इस शख्स ने चांद पर खरीदी जमीन, कहा- भारत से अब दूर नहीं चंद्रमा,,,।

चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और साधना केसरी के बाद इस शख्स ने चांद पर खरीदी जमीन, कहा- भारत से अब दूर नहीं चंद्रमा,,,।


जब से भारत ने चंद्रमा पर अपना चंद्रयान-3 चंद्र के दक्षिणी पोल पर सफल लैंडिंग कराया है तभी से चंद्रमा पर जमीन लेने के लिए लोगों में जैसे उत्सुकता बढ़ गई है। इसी क्रम में सबसे पहले उत्तर प्रदेश चंदौली जिले के पड़ाव क्षेत्र की रहने वाली "राष्ट्रीय महिला आयोग" की सदस्या श्रीमती साधना केसरी पति ए.के.केसरी ने जब पहली बार चंद्रमा पर 8 मई 2023 को अपनी एक छोटी सी जमीन रजिस्ट्री कराई तो किसी को जैसे विश्वास ही नहीं हुआ और यह एक अनहोनी सी घटना लग रही थी। लेकिन चंद्रायन 3 की सफल लैंडिंग के बाद यह आसान सा लगने लगा है और भविष्य में एक उम्मीद जग सी गई है कि धरती के साथ-साथ अब चंद्रमा पर भी हम धरतीवासियों को निवास करने को मिलेगा।

ऐसे ही छिंदवाड़ा में भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष अनुज चौधरी ने अमेरिका की लूनर रजिस्ट्री इंटरनेशनल कंपनी से डेढ़ साल की बेटी के नाम पर चांद में एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कराई है। दरअसल अनुज चौधरी का मानना है कि भविष्य में यदि चांद पर दुनिया बसती है तो वह भी अपना छोटा सा आशियाना चांद पर बनाएंगे, उन्होंने अपनी डेढ़ साल की बिटिया अक्षता चौधरी के नाम पर यह जमीन खरीदी है। 

चांद के साउथ पोल पर भारत के चंद्रयान 3 की लैंडिंग के बाद हर तरफ खुशी का महौल है, ऐसे में छिंदवाड़ा के भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष ने इस सफलता के बाद अब चांद पर बसने का सपना संजो लिया है, उन्होंने अमेरिका की एक सोसायटी से लगभग नौ हजार रुपये चुकाकर एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री भी खरीद ली है। पिपरियाबीरसा निवासी अनुज चौधरी ने चांद पर एक एकड़ जमीन खरीदने का दावा किया है, जिसके लिए उन्होंने बकायदा लूनर रजिस्ट्री इंटरनेशनल कंपनी को इंटरनेट बैकिंग के द्वारा 9 हजार रुपये का भुगतान किया है, वहीं अनुज ने कुल 10 हजार रुपये इस कंपनी को दिए हैं, जिससे सात दिनों के भीतर उन्हें रजिस्ट्री के तमाम कागजात और जिस जमीन को उन्होंने लिया है उसकी सीडी दी जाएगी। 

भारत से दूर नहीं चंद्रमा 

भाजपा नेता का कहना है कि भारत ने साउथ पोल पर चंद्रयान 3 उतारकर दुनिया को यह दिखा दिया है कि भविष्य में चांद पर भारत का भी दावा होगा, यदि यहां जीवन की संभावना बनती है, तो भविष्य में चांद पर उनकी भी एक छोटी सी जमीन होगी।