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ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे पर ओवैसी का भड़काऊ बयान , कोर्ट के आदेश को बताया कानून का उल्लघंन

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे पर ओवैसी का भड़काऊ बयान , कोर्ट के आदेश को बताया कानून का उल्लघंन


वाराणसी । ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी परिसर में अदालत के आदेश पर शुक्रवार को एडवोकेट कमिश्नर की अगुवाई में एक टीम ने ज्ञानवापी मस्जिद के बाहर के कुछ हिस्सों का वीडियोग्राफी-सर्वे किया।


वादी पक्ष के वकील के मुताबिक शनिवार को बैरिकेडिंग (ज्ञानवापी मस्जिद परिसर) के अंदर सर्वे कराया जाएगा। वही अब इस मामले में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कानून का उल्लंघन है।

असदुद्दीन ओवैसी ओवैसी ने कहा कि काशी की ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का ऑर्डर 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का खुला उल्लंघन है। उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह अधिनियम भारत की धर्मनिरपेक्ष विशेषताओं की रक्षा करता है, जो कि संविधान की बुनियादी विशेषताओं में से एक है।


ओवैसी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोर्ट की ओर से सुप्रीम कोर्ट की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। इस आदेश से कोर्ट 1980-1990 के दशक की रथ यात्रा के हुए खून-खराबे और मुस्लिम विरोधी हिंसा का रास्ता खोल रही है।

गौरतलब है कि गत 26 अप्रैल को वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने दिल्ली की पांच महिलाओं की एक अर्जी पर अदालत द्वारा नियुक्त टीम की निगरानी में ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी कर सर्वे कराने का आदेश दिया था।

वादी पक्षकारों ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रंगार गौरी स्थल पर नियमित पूजा अर्चना करने की अनुमति देने की अदालत के समक्ष अर्जी दायर की थी। मौजूदा व्यवस्था के अंतर्गत श्रंगार गौरी स्थल पर चैत्र नवरात्रि के दौरान सिर्फ एक दिन पूजा अर्चना की अनुमति है।

साल में सिर्फ एक दिन पूजन की अनुमति को वादी पक्षकारों ने अदालत में चुनौती देते हुए इस स्थान पर नियमित पूजा अर्चना करने की छूट देने की मांग की थी। अदालत ने इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के लिये गठित टीम को 10 मई तक अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिये कहा है।