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बिहार : पटना में राष्‍ट्रपति चुनाव में प्रदेश जिसके साथ, उसकी जीत हो जाएगी आसान।

बिहार : पटना में राष्‍ट्रपति चुनाव में प्रदेश जिसके साथ, उसकी जीत हो जाएगी आसान।


बिहार। पटना में राष्ट्रपति चुनाव की चर्चा जोर पकड़ने लगी है तो राजनीतिक दलों की तैयारी भी तेज हो गई है। स्वतंत्रता के समय से ही बिहार इस महत्वपूर्ण पद के फोकस में रहा है। इस बार भी अलग नहीं है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के समीकरण में अगर कोई फेरबदल नहीं होता है और वर्तमान स्थिति में ही मतदान प्रक्रिया संपन्न होती है तो राष्ट्रपति चुनाव में बिहार से सत्ता पक्ष को निर्णायक बढ़त मिल सकती है।

वहीं राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी को हम सीधे पसंद-नापसंद नहीं करते हैैं। चुने हुए प्रतिनिधि ही वोट डालते हैैं। विधान परिषद के सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं होता है। आबादी के मुताबिक जनप्रतिनिधियों के वोटों की कीमत तय होती है। इस लिहाज से बिहार के पास राज्यसभा, लोकसभा एवं विधानसभा तीनों मिलाकर कुल 81 हजार 687 मूल्य के मत हैं।

वहीं बिहार से राज्यसभा की दो सीटें अभी रिक्त हैं। महेंद्र प्रसाद के निधन से एक सीट खाली है और दूसरी सीट शरद यादव के दल-बदल के कारण। दोनों जदयू की हैैं, किंतु राष्ट्रपति चुनाव से पहले रिक्त दोनों सीटों पर भी चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। फिलहाल तीनों सदनों में बिहार के सभी दलों के सदस्यों को जोड़कर कुल 80 हजार 271 मत मूल्य हैं। इसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पास सभी घटक दलों को मिलाकर 54 हजार 539 मत हैं, जबकि विपक्ष के पास 25 हजार 24 मत।

वहीं इस तरह 29 हजार 515 मतों से बिहार राजग को बढ़त दे सकता है। हालांकि राष्ट्रपति पद के चुनाव में पार्टियों का व्हिप लागू नहीं होता है। इसलिए पसंदीदा प्रत्याशी के पक्ष में स्वेच्छा से वोट करने की आजादी रहती है, लेकिन वर्तमान राजनीतिक शैली के चलते सदस्य दलीय निष्ठा से बाहर नहीं जा पाते हैैं। अधिकतर उन्हें ही वोट देते हैैं, जिनके बारे में उनका नेतृत्व संकेत करता है। 

वहीं बिहार के प्रत्येक विधायक के मत का मूल्य 173 होता है। इस तरह विधायकों का कुल मत मूल्य 42 हजार 39 है। राज्यसभा और लोकसभा के प्रत्येक सदस्यों का मत मूल्य देश भर में 708 है। बिहार में दोनों सदन मिलाकर 56 सदस्य हैैं। दो रिक्त होने के चलते अभी 54 हैैं। इस हिसाब से कुल 38 हजार 232 वोट हुआ।