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यूपी : बलिया सहित पूर्वांचल में निरर्थक चली गई 256 करोड़ यूनिट बिजली, वहीं अनमीटर्ड कनेक्शन और डमी मीटरों ने बढ़ाया लाइनलास।

यूपी : बलिया सहित पूर्वांचल में निरर्थक चली गई 256 करोड़ यूनिट बिजली, वहीं अनमीटर्ड कनेक्शन और डमी मीटरों ने बढ़ाया लाइनलास।


बलिया। इन दिनों पूरा प्रदेश बिजली संकट से जूझ रहा है। सालों बाद रोस्टरिंग की नौबत आई है। यकीनन विद्युत उत्पादन में थोड़ी कमी आई है, लेकिन पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के इंजीनियरों ने अगर धरातल पर काम किया होता तो सामने खड़ी विपदा से पार पाया जा सकता था। 

वहीं पूर्वांचल के वाराणसी, आजमगढ़ और मीरजापुर मंडल के 10 जिलों में अप्रैल, 2021 से फरवरी, 2022 तक करीब 256 करोड़ यूनिट बिजली लाइनलास में चली गई। इसका कोई इस्तेमाल नहीं हो पाया। जनता को कोई राहत नहीं मिली, बल्कि कंपनी को करीब 1,535 करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति जरूर हो गई।

वहीं अगर इस बिजली को बचाया गया होता तो एक जिले को महीने भर आपूर्ति दी जा सकती थी। आजमगढ़, भदोही, मऊ, गाजीपुर, चंदौली और बलिया में सर्वाधिक लाइनलास हुआ। पूर्वांचल के 18 अन्य वितरण खंडों को जोड़ दें तो स्थिति और निराशाजनक दिखेगी। लाइनलास के पीछे बड़ा हाथ अनमीटर्ड कनेक्शन और डमी मीटरों का है। 

वहीं अधिकांश स्थानों पर तारों के लंबे जाल और जर्जर सिस्टम के चलते बिजली व्यर्थ चली गई। 27 जिलों के 30 खंडों में करीब 7.77 लाख अनमीटर्ड कनेक्शन हैं, जबकि 8.12 लाख डमी मीटर हैं, जिसके चलते दिन-प्रतिदिन लाइनलास बढ़ रहा है। तकनीकी के अलावा वाणिज्यिक क्षति भी बहुत है। 

वहीं कई स्थानों पर जनता को बिल नहीं मिल रहा है। राजस्व जमा नहीं हो रहा है। जितनी बिजली वितरण कंपनियां बेच रही हैं, उतनी वसूली भी नहीं हो रही है। लिहाजा, साल-दर-साल उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को तगड़ी आर्थिक चोट पहुंच रही है।

1. आजमगढ़ द्वितीय 25.84 32.72, 

2. भदोही 17.32 28.44, 

3. गाजीपुर 41.40 27.52, 

4. मऊ 29.78 25.41, 

5. चंदौली 22.09 23.24, 

6. बलिया 26.84 22.21, 

7. मीरजापुर 23.18 18.70, 

8. आजमगढ़ प्रथम 17.27 18.47, 

9. वाराणसी 16.97 18.47, 

10. जौनपुर द्वितीय 17.37 17.61, 

11. जौनपुर प्रथम 10.65 17.61, 

12. सोनभद्र 7.09 9.16, 

1. बाहरी इलाकों के साथ ही घरों में मीटरों से छेड़छाड़ कर बिजली चोरी।

2. खराब मीटर नहीं बदलने से लाइनलास।

3. लंबी ट्रांसमिशन लाइन होने से बिजली हानि।

4. ट्रांसमिशन लाइन से सब स्टेशन तक आने में होता लाइनलास।

5. बिजली चोरी करने के लिए रेजिस्टेंस का उपयोग।

6. खराब ट्रांसफार्मर नहीं बदलने से बिजली हानि।

7. लाइनों में हुकिंग से बिजली की क्षति।

8. बिना कनेक्शन बिजली जलाना।

बता दें कि वहीं पीपी सिंह, निदेशक (तकनीकी), पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने बताया कि जितनी बिजली पूर्वांचल के जिलों को भेजी जा रही है, अगर उतने की बिलिंग कर वसूली कर ली जाए तो तकनीकी एवं वाणिज्यिक क्षति से बचा जा सकता है। इस संबंध में इंजीनियरों को निर्देश जारी किए गए हैं। लाइनलाइस की जिलावार समीक्षा की जा रही है।