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बड़ी खबर :: अमेरिका के फैसले से पाकिस्तान में मची खलबली, भारत को दिया 131 मिलियन डॉलर का मिलिट्री सपोर्ट...

बड़ी खबर :: अमेरिका के फैसले से पाकिस्तान में मची खलबली, भारत को दिया 131 मिलियन डॉलर का मिलिट्री सपोर्ट...

अमेरिका ने भारत को 13.1 करोड़ डॉलर मूल्य के महत्वपूर्ण सैन्य उपकरण और रसद सहायता परिसंपत्तियों की आपूर्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक संबंधों के अनुरूप यह मंजूरी प्रदान की गयी है।अमेरिका की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, पेंटागन के अधीन काम करने वाली रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (डीएससीए) ने सैन्य आपूर्ति के लिए आवश्यक प्रमाणीकरण प्रदान कर दिया है तथा संभावित बिक्री के बारे में अमेरिकी कांग्रेस को सूचित कर दिया है।

भारत को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति के लिए यह मंजूरी ऐसे समय में दी गई है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन नयी दिल्ली पर अमेरिका से सैन्य साजो-सामान की खरीद बढ़ाने के लिए दबाव डाल रहा है। ‘विदेशी सैन्य बिक्री’ मार्ग के जरिये प्रस्तावित आपूर्ति भारत-प्रशांत समुद्री क्षेत्र जागरूकता कार्यक्रम के ढांचे के तहत भारत-अमेरिका सहयोग से जुड़ी हुई है। डीएससीए का मिशन साझा चुनौतियों का जवाब देने के लिए विदेशी सुरक्षाबलों की क्षमता का निर्माण करके अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति हितों को आगे बढ़ाना है।

अनुमानित लागत 13.1 करोड़ डॉलर

अमेरिका ने बयान में कहा, ''विदेश विभाग ने भारत को हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र जागरूकता की संभावित विदेशी सैन्य बिक्री को मंजूरी देने का निर्णय लिया है, जिसकी अनुमानित लागत 13.1 करोड़ डॉलर है।” इसमें कहा गया है कि भारत ने ‘समुद्री-दृष्टि सॉफ्टवेयर’, ‘रिमोट सॉफ्टवेयर’ और ‘विश्लेषणात्मक सहायता’ खरीदने के अलावा ‘समुद्री-दृष्टि’ दस्तावेज और रसद के अन्य संबंधित तत्वों तक पहुंच का अनुरोध किया था। प्रस्तावित आपूर्ति पर भारतीय अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

रक्षा सहयोग में सक्रिय भूमिका

आपको बता दें कि इन तकनीकों के माध्यम से भारत को समुद्री क्षेत्र में निगरानी, खतरे की पहचान और रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस डील के तहत आपूर्ति के लिए मुख्य ठेकेदार हाकआइ 360 होगा। यह कंपनी सैटेलाइट-आधारित रेडियो फ्रीक्वेंसी डेटा का विश्लेषण करने में माहिर मानी जाती है और पहले भी कई देशों के साथ निभा चुकी है।

सॉफ्टवेयर, रिमोट सॉफ्टवेयर और विश्लेषणात्मक सहायता खरीदने के अलावा ‘समुद्री दृष्टि’ दस्तावेज और रसद के अन्य संबंधित तत्वों तक पहुंच का अनुरोध किया था। प्रस्तावित आपूर्ति पर भारतीय अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)