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तारादेवी मंदिर में पंक्ति में बैठकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कल चखेंगी मालपुए, कढ़ी-चावल सहित 10 व्यंजनों का भंडारा, देखें कार्यक्रम डिटेल...

तारादेवी मंदिर में पंक्ति में बैठकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कल चखेंगी मालपुए, कढ़ी-चावल सहित 10 व्यंजनों का भंडारा, देखें कार्यक्रम डिटेल...


नईदिल्ली, ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश के दौरे पर पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को राजधानी शिमला के प्रसिद्ध संकटमोचन और तारादेवी मंदिर जाएंगी और पूजा-अर्चना करेंगी। इस दौरान तारादेवी मंदिर परिसर में विशेष भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रपति की अनुमति के बाद उन्हें पंक्ति में बैठाकर या टेबल पर भंडारा परोसने की तैयारी है। 

भंडारे में राष्ट्रपति सेपू बड़ी, मीठा बदाणा, मालपुए, राजमा और कढ़ी-चावल समेत दस हिमाचली व्यंजनों का स्वाद चखेंगी। मंदिरों के प्रस्तावित दौरे में राष्ट्रपति मुर्मू सबसे पहले मंगलवार सुबह 11:25 बजे बाबा नीब करौरी की तपस्थली संकटमोचन मंदिर में माथा टेकेंगी।

यहां सबसे पहले षोडश गणेश मंदिर में गणपति को पुष्प अर्पित करेंगी। इसके बाद राम दरबार में पूजा-अर्चना करेंगी। राष्ट्रपति भगवान राम और माता सीता को हलवे का भोग लगाएंगी। इसके साथ ही बजरंगबली की पूजा और आरती होगी। बजरंगबली को सिंदूर चढ़ाने के बाद बदाणे का भोग लगाया जाएगा। दोपहर 12:20 बजे तारादेवी मंदिर पहुंचकर माता तारादेवी के दर्शन करेंगी। मंदिर परिसर में भंडारा ग्रहण करने के बाद दोपहर बाद 2:00 बजे मंदिर से वापस राष्ट्रपति निवास आएंगी। संकटमोचन और तारादेवी मंदिर दौरे के दौरान राष्ट्रपति इन मंदिरों के इतिहास से भी रूबरू होंगी। मंदिर प्रशासन राष्ट्रपति को दोनों मंदिरों के इतिहास से अवगत करवाएगा। 

मुर्मू होंगी तारादेवी मंदिर जाने वाली पहली राष्ट्रपति 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तारादेवी मंदिर जाने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी, जबकि संकटमोचन मंदिर जाने वाली अब तक की दूसरी राष्ट्रपति होंगी। इससे पहले राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा संकटमोचन मंदिर जा चुके हैं।

मंदिर का जानेंगी इतिहास

मंदिर में तारादेवी की अष्टादस भुजाओं और अष्टधातु से बनी मूर्ति विराजमान है। जुन्गा के राजा बलवीर सेन ने माता के दर्शन पाकर इस मंदिर का निर्माण करवाया था। अष्टधातु से बनी माता की मूर्ति को जुन्गा से तारादेवी एक दिन में शंकर नाम हाथी पर लाया गया था। वर्तमान में तारादेवी जुन्गा के राजा खुश सेन की कुलदेवी हैं।