Headlines
Loading...
प्रयागराज :: एकलौता हनुमान मंदिर जहां लेटे हुए हनुमान जी की होती है पूजा, जानें क्या है इस मूर्ति का रहस्य...

प्रयागराज :: एकलौता हनुमान मंदिर जहां लेटे हुए हनुमान जी की होती है पूजा, जानें क्या है इस मूर्ति का रहस्य...

Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती आज संगम नगरी प्रयागराज में भी पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है। इस मौके पर संगम तट पर स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर समेत बजरंग बली के दूसरे मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। बजरंगबली के जन्मोत्सव के मौके पर लेटे हुए हनुमान मंदिर परिसर को खूबसूरती से सजाया गया है तो साथ ही बजरंग बली की लेटी हुई प्रतिमा का भव्य श्रृंगार किया गया है। आज हम आपको बता रहे हैं उस मंदिर के बारे में जहां हनुमान जी लेटी हुई मुद्रा में विराजमान हैं। जानें आखिर क्यों यहां हनुमान जी लेटे हुए हैं, क्या है इसका रहस्य.....

एकलौता मंदिर जहां शयन मुद्रा में है हनुमान जी की मूर्ति

हमारे देश में जगह-जगह पर हनुमानजी के प्राचीन चमत्कारिक मंदिर हैं। इन्हीं में से एक है संगम किनारे लेटे हनुमान का मंदिर। दुनिया का यह इकलौता ऐसा मंदिर है जहां बजरंगबली आराम की मुद्रा में लेटकर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। इन्हें बड़े हनुमान जी, किले वाले हनुमान जी, लेटे हनुमान जी और बांध वाले हनुमान जी कहा जाता है। इस प्रतिमा के बारे ऐसा माना जाता है कि इनकी भुजा के नीचे अहिरावण दबा है।

इस वजह से यहां लेटे हैं हनुमान जी

दुनिया में अपनी तरह के इस अनूठे मंदिर के साथ रामभक्त हनुमान के पुनर्जन्म की वह कथा जुडी हुई है, जिसमे बजरंग बली लंका युद्ध के दौरान बुरी तरह ज़ख़्मी हो गए थे और यहीं संगम किनारे बेहोश होकर लेट गए थे। मान्यता है कि उस वक्त माता सीता ने अपने सिंदूर का दान देकर उन्हें नया जीवन दिया था। बजरंग बली की यह लेटी हुई मूर्ति पवनपुत्र हनुमान द्वारा पाताललोक के राजा अहिरावन का वध कर अपने आराध्य भगवान राम और लक्ष्मण का जीवन बचाने से भी जुडी हुई है।

हनुमान जयंती पर उमड़ी भक्तों की भीड़

यह मंदिर कम से कम 600-700 वर्ष पुराना माना जाता है। हनुमान जयंती पर यहां बजरंग बली की विशेष आरती व पूजा -अर्चना की जा रही है और साथ ही उन्हें छप्पन तरह के व्यंजनों का भोग भी लगाया जा रहा है।

आज मंगलवार का दिन होने की वजह से इस बार की हनुमान जयंती का महत्व कई गुना बढ़ गया है। इस मौके पर पवन पुत्र के दर्शन और उनकी पूजा - अर्चना के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ा हुआ है। मंदिर में हनुमान जयंती के सभी कार्यक्रम बाघम्बरी मठ के नये महंत बलबीर गिरि की अगुवाई में हो रहे हैं।