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काशी कला कस्तूरी संस्था की ओर से 20 अप्रैल को चैतीउत्सव का आयोजन, बजड़े पर रामनगर से राजघाट तक मुखर होंगे चैती के स्वरूप...

काशी कला कस्तूरी संस्था की ओर से 20 अप्रैल को चैतीउत्सव का आयोजन, बजड़े पर रामनगर से राजघाट तक मुखर होंगे चैती के स्वरूप...

वाराणसी, ब्यूरो। वाराणसी की संस्था काशी कला कस्तूरी की ओर से काशी की परंपरा का निर्वाह करने के लिए 20 अप्रैल को 'चैती उत्सव का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम गंगा की लहरों पर बलखाते बजड़े पर होगा।शाम 5 बजे रामनगर स्थित बलुआ घाट से बजड़ा छलकेगा। इसके बाद सामने घाट क्षेत्र में बने नवनिर्मित घाट पर आएगा।

इस घाट से विशिष्ट अतिथि बजड़े पर सवार होंगे। इसके बाद काशी के ख्यात कलाकारों द्वारा चैती विधा का गायन एवं वादन आरंभ होगा। गायन-वादन के साथ बजड़ा मंथर गति से राजघाट की ओर बढ़ता रहेगा। 

संस्था की संस्थापक अध्यक्ष डॉ.शबनम ने बताया कि काशी में चैती उत्सव की शुरुआत रामनगर किला से हुई थी। इसे ध्यान में रखते हुए बजड़ा रामनगर से छलकेगा। उन्होंने बताया कि उत्सव की मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. सोमा घोष होंगी। 

इस मौके पर विदुषी सुचरिता गुप्ता एवं बीएचयू के मंच कला एवं संगीत संकाय की प्रो. संगीता पंडित का चैती गायन होगा। ख्यात कलाकार पं. विजय शंकर चौबे वायलिन पर चैती के सुर छेड़ेंगे।