इतनी महंगी तकनीक... इतनी जांच... फिर भी क्यों फेल हुआ ड्रीमलाइनर? आखिर कैसे 2 मिनट में अहमदाबाद में टुकड़ों में बिखर गया...
Ahmedabad Dreamliner plane crash today: अहमदाबाद के आसमान में आज जो हुआ, उसे इतिहास कभी माफ़ नहीं करेगा। एक ऐसा शहर, जहां गर्मी के थपेड़ों के बीच दोपहर ढल रही थी, अचानक मौत की परछाई गहरा गई।वो भरोसा कि इतनी महंगी तकनीक, इतने अनुभवी पायलट्स, इतनी चेकिंग के बाद तो कोई चूक हो ही नहीं सकती। लेकिन अहमदाबाद के आसमान में आज उस भरोसे की कब्र बन गई। सवाल सिर्फ यह नहीं है कि हादसा क्यों हुआ, सवाल यह है कि इतना सब कुछ होने के बाद भी यह हादसा कैसे हुआ?
क्या है ड्रीमलाइनर और क्यों माना जाता है इसे उड़ानों का 'सपनों का जहाज़'?
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, दुनिया की सबसे उन्नत विमानों में गिना जाता है। यह विमान ना सिर्फ दिखने में खूबसूरत होता है, बल्कि इसके भीतर बसी तकनीक भी उड़ानों को नए स्तर पर ले जाती है। हल्के वज़न का कार्बन-कम्पोजिट बॉडी स्ट्रक्चर, बेहतर ईंधन क्षमता, बड़े विंडोज़, अधिक ह्यूमिडिटी और बेहतर केबिन प्रेशर - यह सब इसे यात्रियों के लिए सबसे आरामदायक बनाता है।
इस विमान की कीमत करीब 180 से 220 मिलियन डॉलर के बीच होती है। इसमें GE या Rolls Royce के शक्तिशाली इंजन होते हैं, जो लंबी दूरी की उड़ानों में बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं। भारत में एयर इंडिया के बेड़े में दर्जनों ड्रीमलाइनर विमान हैं, जिनसे न्यूयॉर्क, लंदन, टोरंटो जैसे शहरों तक उड़ानें संचालित होती हैं। और यही वजह है कि जब आज ड्रीमलाइनर हादसे का शिकार हुआ, तो दुनिया भर में हलचल मच गई। क्योंकि इस मॉडल की गिनती दुनिया के सबसे सुरक्षित विमानों में होती है। लेकिन सवाल उठता है - जब इतनी उन्नत तकनीक थी, तो फिर हादसा क्यों?
हवा में ही बिखर गया सपना - कैसे हुआ हादसा
फ्लाइट AI171 अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हो रही थी। दोपहर 1 बजकर 38 मिनट पर विमान ने टेकऑफ किया। मौसम साफ था, रनवे पर कोई परेशानी नहीं थी। पायलट अनुभवी थे। लेकिन टेकऑफ के दो मिनट बाद ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल को 'मेडे' सिग्नल भेजा गया। इसका मतलब होता है, "हम संकट में हैं।" लेकिन संकट क्या था? फ्लाइट रडार के आंकड़े बताते हैं कि विमान ने मुश्किल से 600 फीट की ऊंचाई हासिल की थी और फिर अचानक उसकी रफ्तार गिरने लगी। कुछ ही सेकेंडों में वह 400 फीट पर आ गया और सीधे एक रिहायशी इमारत पर गिर पड़ा। धमाका इतना भयंकर था कि आसपास की खिड़कियां चटक गईं, और फिर धुएं के गुबार में पूरा इलाका ढक गया।
बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त विमान में करीब 232 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे। शुरुआती रिपोर्ट्स में दर्जनों लोगों के हताहत होने की पुष्टि हुई है। फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं, लेकिन विमान में भरे भारी ईंधन की वजह से आग पर काबू पाना बेहद मुश्किल हो गया।
इतनी चेकिंग और फिर भी हादसा - कहां चूक गई तकनीक?
आज के दौर में हर विमान उड़ान भरने से पहले गहन तकनीकी जांच से गुजरता है। एयर इंडिया जैसी बड़ी एयरलाइन में तो अतिरिक्त स्तर की सुरक्षा जांच होती है, खासकर जब बात ड्रीमलाइनर जैसे महंगे विमान की हो। तो फिर चूक कहां हुई? कुछ विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह टेक्निकल फेलियर हो सकता है - यानी विमान के इंजन में अचानक आई कोई खराबी या इलेक्ट्रॉनिक फॉल्ट। वहीं कुछ दूसरे जानकारों का कहना है कि बर्ड हिट यानी किसी बड़े पक्षी के टकराने की आशंका भी हो सकती है, जो टेकऑफ के समय अक्सर बड़ा खतरा बन जाते हैं।
फिलहाल, असली वजह ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद ही सामने आएगी, जिसे खोजने का काम तेजी से जारी है। बोइंग के इतिहास में ड्रीमलाइनर को लेकर पहले भी तकनीकी विवाद उठ चुके हैं। शुरुआती सालों में इसकी बैटरियों में आग लगने की घटनाएं भी सामने आई थीं, लेकिन बाद में उन समस्याओं को ठीक कर लिया गया। मगर आज का हादसा फिर उसी पुराने डर को जगा रहा है कि क्या कहीं कोई पुरानी तकनीकी खामी अब भी दबे पांव सक्रिय थी?
अब क्या होगा? जांच और जवाबदेही की मांग
एयर इंडिया ने हादसे के तुरंत बाद आपात बैठक बुलाई है। DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ने जांच शुरू कर दी है। अमेरिका में बोइंग हेडक्वार्टर्स से भी तकनीकी टीम भारत भेजी जा सकती है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी और अगर यह तकनीकी खामी है तो बोइंग से भी जवाब मांगा जाएगा। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या एयर इंडिया की मेंटेनेंस टीमों ने अपनी भूमिका सही से निभाई या नहीं।
अहमदाबाद के जख्म और भारत का भरोसा
अहमदाबाद के मेघानीनगर में आज सिर्फ एक विमान नहीं गिरा वहां भरोसे का मलबा बिखर गया। जिन घरों पर यह विमान गिरा, वहां कई परिवार उजड़ गए। और विमान में सवार उन यात्रियों के परिवारों पर तो जैसे पहाड़ टूट पड़ा। लंदन जाने का सपना देख रहे लोग आज मौत का शिकार हो गए। भारत में विमानन क्षेत्र में यह हादसा लंबे समय तक याद रखा जाएगा। यह सिर्फ एयर इंडिया की नहीं, पूरी भारतीय विमानन व्यवस्था की परीक्षा है। क्या हम तकनीक पर आंख मूंद कर भरोसा कर सकते हैं? क्या हमारे सिस्टम में कहीं कोई चूक रह गई थी? आज जब ड्रीमलाइनर की राख हवा में उड़ रही है, तब पूरा देश एक ही सवाल कर रहा है आखिर क्यों? क्योंकि अगर ड्रीमलाइनर भी हादसे का शिकार हो सकता है, तो सुरक्षित क्या है?