वाराणसी :: भाजपा नेता की पीट-पीटकर हत्या करने के 16 दोषियों को उम्रकैद, शराब ठेके पर हुआ था विवाद, फास्ट्रैक कोर्ट ने सुनाई सजा...
वाराणसी। सिगरा के जयप्रकाश नगर (माधोपुर) स्थित देसी शराब ठेके में चिखना वाले से लेन-देन को लेकर हुए विवाद में बीच-बचाव करने पहुंचे भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह की हुई हत्या के मामले में फास्टट्रैक कोर्ट (प्रथम) के जज कुलदीप सिंह ने 16 अभियुक्तों विकास भारद्वाज, मंटू सरोज, राहुल सरोज, मनीष पांडेय, गणेश सरोज, अभिषेक सरोज, दिनेश पाल, अनूप सरोज, सूरज यादव, रमेश पाल, अनुज उर्फ बाबू सरोज, श्याम बाबू राजभर, विशाल राजभर, संदीप कुमार गुप्ता, सुरेश सरोज व आर्या उर्फ आकाश सरोज को आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को साढ़े 29 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने इन अभियुक्तों को गुरुवार को दोषी करार देते हुए सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था और सजा की बिंदु पर सुनवाई के लिए 13 जून की तिथि मुकर्रर की थी। सजा पाए गुनहगारों में फुलवरिया, मंडुवाडीह निवासी संदीप कुमार गुप्ता को छोड़कर शेष 15 अभियुक्त चंदुआ, छित्तुपुर सिगरा निवासी है। अदालत में अभियोजन पक्ष से एडीजीसी मनोज कुमार गुप्ता, विनय कुमार सिंह व वादी पक्ष से अधिवक्ता रवि शंकर राय व प्रेम प्रकाश सिंह गौतम ने पैरवी की।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक वर्ष 2022 में 12 अक्टूबर की शाम करीब सवा सात बजे जयप्रकाश नगर कालोनी में स्थित देसी शराब के ठेके पर अभियुक्त मंटू सरोज व राहुल सरोज अपने दो साथियों के साथ शराब पीने के बाद आपस में गाली-गलौज कर रहे थे।
भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह हत्याकांड में फैसला सुनाए जाने के बाद अभियुक्तों के परिजन ने अदालत कक्ष के बाहर हंगामा किया।
शराब ठेके के पास में रहने वाले राजकुमार सिंह ने उन्हें रोका तो झगड़ रहे युवा उस समय लौट गए, लेकिन थोड़ी देर बाद 15-20 की (सजा पाए अभियुक्त) संख्या में युवक लोहे की राड, लाठी-डंडे लेकर लौट आए। मंटू सरोज, राहुल सरोज व अभिषेक के ललकारने पर सभी जान से मारने की राजकुमार सिंह पर टूट पड़े।
शोरगुल पर भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह पहुंचे और अपने बेटे राजकुमार सिंह को बचाने लगे। यह देखकर हमलावरों ने पशुपतिनाथ सिंह पर हमला कर दिया, जिसमें गंभीर चोट लगने से वह अचेत होकर जमीन पर गिर पड़े। घायलों को बीएचयू ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया जहां डाक्टरों ने पशुपतिनाथ सिंह को मृत घोषित कर दिया।
राजकुमार सिंह ने हमलावरों का नाम पुलिस को बताया। राजकुमार सिंह के भाई रुद्रेश कुमार सिंह ने केस दर्ज कराया तो हमलावर गिरफ्तार हुए। सिगरा पुलिस ने जांच के बाद 18 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिसमें आरोपित दो किशोरों की पत्रावली किशोर न्यायालय में स्थानांतरित हो गई।
भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह हत्याकांड में सजा सुनाए जाने के बाद अभियुक्तों को जेल ले जाती पुलिस।
कोर्ट का फैसले से हूं संतुष्ट : राजकुमार
हमले में पिता पशुपतिनाथ के साथ जख्मी हुए राजकुमार सिंह ने कोर्ट के फैसले पर संतुष्टि जताई है। कहा कि न्यायपालिका पर उन्हें भरोसा था। अभियुक्तों को मिली सजा से वह कलेजे को शांति मिली है। सजा के खिलाफ अभियुक्त होईकोर्ट जाते हैं, तो वहां सजा को बरकरार रखने को पैरवी करूंगा।
इन हमलावरों को सजा मिलना जरूरी था, सभी मनबढ़ हो गए थे। अभियुक्तों ने अनूप, सरोज, मंटू व आर्यन उर्फ टमाटर ने सबसे पहले मेरे हमला किया था, जबकि पांच अभियुक्त राहुल सरोज, सुरेश सरोज, अनुज उर्फ बाबू सरोज, संदीप कुमार गुप्ता और विशाल राजभर मिलकर मेरे पिता को मार रहे थे। शेष अभियुक्ताें ने घेराबंदी की थी, जिससे पिता-पुत्र भाग नहीं पाएं।
हाई कोर्ट के आदेश पर हो रही थी त्वरित सुनवाई
मुकदमें की सुनवाई हाईकोर्ट के आदेश पर त्वरित रूप से की जा रही थी। पहले इस केस की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) अवनीश गौतम की अदालत में चल रही थी। उनके तबादले के बाद केस की सुनवाई 10 मई 2024 से फास्टट्रैक कोर्ट (प्रथम) की अदालत में स्थानांतरित कर दी गई।
इस दौरान अभियुक्त ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 24 फरवरी 2023 को जमानत अर्जी निरस्त करते हुए एक साल में केस के निस्तारण का आदेश जिला न्यायालय को दिया था। बाद में दूसरे अभियुक्तों ने भी हाईकोर्ट गए तो केस की त्वरित सुनवाई का निर्देश दिए।
अदालत में फैसला सुनाए जाने के बाद अभियुक्तों को जेल ले जाती पुलिस।
सजायाफ्ता अभियुक्तों के परिजन ने किया हंगामा
कोर्ट ने गुनाह साबित होने पर 18 को उम्र कैद की सजा सुनाई तो अदालत के बाहर जुटे सभी के परिजन जमकर हंगामा किए। महिलाएं फैसले पर असंतोष जताते हुए कस्टडी में लिए गए अपने परिजन को निर्दोष बताते हुए जोर-जोर चिल्ला रही थी।
पुलिस हंगामा कर रही महिलाओं को शांत रहने और अदालत परिसर में ऐसी हरकत नहीं करने की बात कह रही थी लेकिन उनपर कोई नहीं हुआ। वकील और पुलिसकर्मी समझाए तो स्वजन महिलाओं को कचहरी से बाहर ले गए।
गुनहगारों को पछतावा नहीं, बोले दो हफ्ते में लौट आइब
वाराणसी : हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा गुनहगारों के चेहरे पर पश्चाताप के भाव नहीं थे। कोर्ट से निकले तो बिलख रही महिलाओं से मुखातिब होकर स्थानीय बोलचाल की भाषा में बोले रोए मत दो हफ्त में लौट आइब ...। एक नहीं अधिकांश की सजा के बाद अपनों से कुछ इस इसी तरह की प्रतिक्रिया सुनने को मिली। जिसकी कचहरी परिसर में जबरदस्त चर्चा रही। कोर्ट परिसर में कुछ युवक जरूर कोर्ट का फैसला सुनते ही रो पड़े।
अदालत में फैसला सुनाए जाने के बाद अभियुक्तों को जेल ले जाती पुलिस।
हत्या के बाद जांच में सामने आया था गैंग 307
वाराणसी : पशुपतिनाथ सिंह की हत्या के बाद तत्कालीन सिगरा थाना प्रभारी रहे राजू सिंह ने जांच की तो गैंग 307 का राजाफाश हुआ। उस समय नगर निगम पुलिस चौकी के एक-एक पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए थे। राजू सिंह ने बताया कि 20 दिसंबर 2022 को आरोपपत्र दाखिल किया था। हमले में गंभीर घायल व चश्मदीद राजकुमार की गवाही, सीसीटीवी फुटेज ठोस सुबूत बना था। बताया कि गैंग 307 उस समय किसी सदस्य के साथ मारपीट की घटना की सूचना पर पलक झपकते 20-25 युवक मौके पर पहुंच जाते थे।
हत्या की सनसनीखेज घटना में ढाई वर्ष में 16 अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा पुलिस की प्रभावी पैरवी और ठोस सुबुतों के आधार पर की गई जांच का परिणाम है। केस की विवेचना और कोर्ट में पैरवी में जिस भी पुलिसकर्मी की भूमिका होगी, उसे पुरस्कृत किया जाएगा।
-मोहित अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर वाराणसी।