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'आतंकी हाशिम मूसा और तल्हा भाई 15 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंचे और इस हमले को अंजाम देने के लिए उन्होंने 15 (OGW) की मदद ली...

'आतंकी हाशिम मूसा और तल्हा भाई 15 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंचे और इस हमले को अंजाम देने के लिए उन्होंने 15 (OGW) की मदद ली...

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी. इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की जा रही है। हाल ही में जांच में कुछ अहम खुलासे हुए हैं। एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के आतंकी हाशिम मूसा और तल्हा भाई 15 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंच चुके थे और इस हमले को अंजाम देने के लिए उन्होंने 15 ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) की मदद ली थी।

आतंकियों की पूर्व योजना और गुलमर्ग का नाम

एनआईए की जांच में यह बात भी सामने आई है कि इन आतंकवादियों के पास पहलगाम के अलावा तीन और स्थानों को अपना टारगेट बनाने की योजना थी. उनकी पहली प्राथमिकता गुलमर्ग था, लेकिन सुरक्षा बलों द्वारा किए गए कड़े सुरक्षा इंतजामों के कारण आतंकवादियों को दक्षिण कश्मीर की तरफ रुख करना पड़ा. यहां पर आतंकवादियों ने लश्कर के आतंकवादी आदिल ठोकर के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देने की साजिश रची।

आतंकियों की पहचान और योजना

जिन आतंकवादियों ने पहलगाम में हमले को अंजाम दिया, उनकी पहचान की गई है. इनमें आसिफ फौजी उर्फ हाशिम मूसा, अली भाई उर्फ तल्हा भाई, जो पाकिस्तान के निवासी हैं, और आदिल हुसैन ठोकर, जो जम्मू कश्मीर का रहने वाला है, शामिल हैं. जांच में यह भी पता चला कि इन आतंकवादियों ने हमले से पहले कुछ समय तक सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया था और उन्होंने कुकरनाग के जंगलों में अपना अस्थायी बेस भी स्थापित किया था।

15 OGW ने आतंकियों की मदद की

एनआईए के मुताबिक, इस हमले में 15 ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) ने आतंकवादियों की मदद की थी. ये OGW आतंकवादियों के लिए आवश्यक संसाधन, जानकारी और समर्थन प्रदान कर रहे थे. उन्होंने आतंकियों को छिपने के लिए सुरक्षित स्थानों की जानकारी दी और उनके लिए विभिन्न सुरक्षा इंतजाम किए थे, ताकि हमले को अंजाम दिया जा सके।

भारत सरकार और सुरक्षाबलों की सक्रियता

इस हमले के बाद भारत सरकार और सुरक्षाबलों ने कड़े कदम उठाए हैं. सुरक्षाबलों द्वारा लगातार आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और पाकिस्तान से होने वाली सीमा पार आतंकवाद की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए अपने संकल्प को दोहराया है।

आतंकवाद के खिलाफ जारी रहेगी कार्रवाई

इस घटना ने यह भी साबित कर दिया है कि आतंकवादियों की साजिशें और हमले अब अधिक सुनियोजित और संगठित तरीके से किए जा रहे हैं. हालांकि, भारतीय सुरक्षा बलों की तत्परता और इस तरह की घटनाओं के खिलाफ उनकी कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कभी भी कोई समझौता नहीं करेगा।