आज से वाराणसी संकटमोचन मंदिर 6 दिनों तक रहेगा भक्ति संगीत महोत्सव से गुंजायमान.. देश विदेश से आए कलाकार देंगे अपनी प्रस्तुति...
जिला ब्यूरो, आदित्य उर्फ मुन्ना केसरी।। वाराणसी का संकटमोचन मंदिर आज से अगले 6 दिनों तक भक्ति गीत संगीत और नृत्य वादन की स्वरलहरियों से गुंजायमान रहेगा। देश-विदेश से आए प्रसिद्ध कलाकार अपनी छाप छोड़ने में कोई भी कोर कसर नहीं रखेंगे। और रामदरबार में अपनी ठोस उपस्थिति दर्ज कर हनुमंत लला से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
हनुमान जयंती के अवसर पर होने वाले इस 102वें छह दिवसीय सांगीतिक अनुष्ठान में कुल 45 प्रस्तुतियां होंगी जिनमें 45 मुख्य कलाकार तो 103 सहयोगी व संगत कलाकार होंगे।
विशेष यह कि संगीत की त्रिवेणी प्रवाहित करने 11 ख्यात पद्म पुरस्कृत कला साधक आएंगे तो 16 कलाकार पहली बार हनुमत चरणों में हाजिरी लगाने का सौभाग्य पाएंगे। इस बार नौ मुस्लिम कलाकार भी संगीतांजलि देने आएंगे तो 10 स्थापित कलाकारों की दूसरी पीढ़ी भी इस दरबार में संगीतांजलि प्रस्तुत कर मत्था नवाएगी।
संगीत समारोह नित्य सायं सात से प्रातः तक होगा। शुभारंभ पद्म विभूषण पं. हरिप्रसाद चौरसिया के बांसुरी वादन से होगा। मुंबई के पं. राहुल शर्मा का संतूर वादन, हैदराबाद के डा. येल्ला वेंकटेश्वर राव का मृदंगम, मुंबई के पं. अजय पोहनकर का ठुमरी गायन, पं. विकास महाराज का सरोद वादन, पं. रोहित पवार का कथक नृत्य होगा।
दूसरी संगीतमय संध्या का शुभारंभ चेन्नई की लावण्या शंकर के भरतनाट्यम से होगा। काशी के डा. राजेश शाह का सितार वादन, कोलकाता के पं. अजय चक्रवर्ती का गायन, कोलकाता के पं. पूर्वायन चटर्जी का सितार वादन, कोलकाता की ही विदुषी सोहिनी राय चौधरी का गायन, अमेरिका के विवेक पांड्या का एकल तबला वादन, मैसूर के मंजूनाथ माधवन का वायलिन वादन, अहमदाबाद के पं. नीरज पारिख का गायन होगा।
संकट मोचन दरबार का भव्य सजावट
तीसरी संध्या का शुभारंभ यू राजेश के मैंडोलिन वादन से होगा। इनके बाद बनारस के गौरव-सौरव मिश्र का कथक, बंगलुरु के ओंकार हवालदार का गायन होगा। पद्म विभूषण पं. विश्वमोहन भट्ट द्वारा सुपुत्र पं. सलिल मोहन भट्ट के साथ मोहनवीणा की प्रस्तुति से करेंगे। चेन्नई की दीपिका वरदराजन, गया के पं. राजेंद्र सेजवार के गायन, दिल्ली के पं. अभय रुस्तम सोपोरी का संतूर वादन, दिल्ली के पं. हरीश तिवारी का गायन होगा।
संगीत समारोह की चौथी निशा भोपाल की बी अनुराधा सिंह के कथक से आरंभ होकर पं. साहित्य कुमार नाहर के सितार, दिल्ली के उस्ताद वसीफुद्दीन डागर के ध्रुपद गायन, कोलकाता के पं. जयदीप घोष के सरोद वादन, मुंबई के पं. रामशंकर के तबला वादन से होते हुए खैरागढ़ के प्रभाकर कश्यप के गायन, मुंबई की विदुषी कंकणा बनर्जी के गायन के सुरों से विराम लेगी।
संकट मोचन दरबार का भव्य सजावट
पंचम निशा दिल्ली की नयनिका घोष के कथक से आरंभ होकर, कोलकाता के अभिषेक लाहिड़ी के सरोद वादन, कोलकाता के अरमान खान के गायन, कोलकाता के ही पं. तरुण भट्टाचार्य के संतूर वादन, हुबली के पं. जयतीर्थ मेउंडी के गायन व ख्यात तबला वादक लंदन के पं. संजू सहाय के एकल तबला वादन पर विराम लेगी।
अंतिम व छठें दिन भुवनेश्वर के पं. रतिकांत महापात्रा के ओडिशी नृत्य से आरंभ संध्या पुणे के पं. उल्हास कसालकर के गायन, पद्मश्री पं. अनूप जलोटा व पं. सुरेश गंधर्व के गायन के सुरों में बहती हुई, मुंबई के पं. रोनू मजूमदार की बांसुरी से सजती, पद्म भूषण पं. साजन मिश्र के गायन से पूर्ण होगी।