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वाराणसी लखनऊ इंटरसिटी में कोचिंग टीचर ने छात्रा से शारीरिक संबंध बनाकर फेंकी लाश, गर्भवती होने पर दी दर्दनाक मौत, ऐसे खुला राज

वाराणसी लखनऊ इंटरसिटी में कोचिंग टीचर ने छात्रा से शारीरिक संबंध बनाकर फेंकी लाश, गर्भवती होने पर दी दर्दनाक मौत, ऐसे खुला राज

वाराणसी में कपसेठी थाना क्षेत्र के एक गांव की किशोरी की लाश ट्रेन में मिलने के मामले का आज शुक्रवार को खुलासा हो गया। पुलिस ने किशोरी की हत्या कर लाश को बोरी में भरकर ट्रेन में फेंकने वाले संजय पटेल को गिरफ्तार कर लिया है। संजय पटेल कोचिंग चलाता है। किशोरी से कोचिंग में ही संबंध बनाया था। किशोरी के गर्भवती होने पर कोचिंग में ही उसकी हत्या कर दी और शव बोरी में भरकर लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस में रख आया था। 

उसकी मंशा थी कि बोरी लखनऊ में खुलेगी और पुलिस किशोरी की पहचान ही कराती रह जाएगी। कभी मामले का खुलासा नहीं हो सकेगा। लेकिन संयोग से लखनऊ में बोरी पर किसी की नजर नहीं पड़ी और वाराणसी में उसे खोला गया तो किशोरी की पहचान भी हो गई थी। 

एडीसीपी गोमती जोन आशीष पटेल, एसीपी राजातालाब अजय कुमार श्रीवास्तव ने शुक्रवार को पुलिस लाइन स्थित सभागार में वारदात का खुलासा किया। गिरफ्तार संजय पटेल ने पूछताछ में बताया कि नौवीं में पढ़ रही किशोरी 2022 में उसके पास कोचिंग पढ़ने आई थी। नवंबर 2023 में किशोरी से उसका संबंध हो गया। इससे वह गर्भवती हो गई। गर्भ गिराने के लिए उसने दवा दी लेकिन गर्भपात नहीं हो सका। धीरे-धीरे छह माह के बाद गर्भ दिखने लगा था। किसी को इसकी भनक न लग जाए इसलिए उसने किशोरी की हत्या की साजिश रची। 

19 फरवरी को छात्रा को अपनी कोचिंग पर बुलाया। शाम करीब चार से पांच बजे के बीच जब सभी बच्चे चले गये, एक कमरे में छात्रा को ले गया। कहा कि अब वह गर्भपात खुद करेगा। इसके लिए एक इंजेक्शन देना होगा। इससे बहुत दर्द होगा। उसने किशोरी को जमीन पर लिटा दिया। उसके मुंह पर टेप लगा दिया। इसके बाद पूरा सिर और गला एक पन्नी से बंद कर दिया। दम घुटने से किशोरी की मौत हो गई। 

इसके बाद कोचिंग संचालक ने ही उसका हाथ-पैर बांधकर बोरी में लाश रख दी औऱ सिल दिया। दूसरे दिन 20 फरवरी की भोर में बाइक पर ट्यूब से बोरी में भरी लाश बांधी और करीब आधा किमी दूर सेवापुरी रेलवे स्टेशन पहुंचा। लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस में शव रख दिया। उसे लगा था कि ट्रेन लखनऊ जाएगी। वहां पुलिस अज्ञात शव समझकर निस्तारण कर देगी। किशोरी की पहचान भी नहीं हो सकेगी और कभी खुलासा नहीं हो सकेगा।

ट्रेन लखनऊ पहुंची तो किसी ने बोरी की तरफ ध्यान नहीं दिया। वापस जब ट्रेन बनारस रेलवे स्टेशन पर 20 फरवरी की रात आई, तब बोरी देखी गई औऱ लाश मिली। अगले दिन परिजनों ने शिनाख्त की। इसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल की तो संजय तक पहुंच गई। खुलासा करने वाली टीम में क्राइम ब्रांच प्रभारी मनीष मिश्रा, उप निरीक्षक गौरव कुमार सिंह, विनोद कुमार विश्वकर्मा, कपसेठी थानाध्यक्ष राजीव सिंह, उप निरीक्षक जगदंबा सिंह, सर्विलांस सेल प्रभारी दिनेश कुमार यादव आदि थे।