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'राष्ट्र को एक संदेश कि कॉलेजियम जीवंत, सक्रिय और प्रतिबद्ध है', जजों की नियुक्ति पर बोले CJI डीवाई चंद्रचूड़

'राष्ट्र को एक संदेश कि कॉलेजियम जीवंत, सक्रिय और प्रतिबद्ध है', जजों की नियुक्ति पर बोले CJI डीवाई चंद्रचूड़



नई दिल्‍ली. भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने कहा है कि कॉलेजियम जीवंत, सक्रिय और अपने कार्य के प्रति प्रतिबद्ध है. वे जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस केवी विश्‍वनाथन के सम्‍मान में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित सम्‍मान समारोह में बोल रहे थे. उन्‍होंने कहा कि हमें इस तथ्‍य को स्‍वीकार करना चाहिए कि सरकार भी इस प्रक्रिया में एक हितधारक है और ये सिफारिशें, नामों की सिफारिश के 72 घंटे से भी कम समय में आई हैं. सुप्रीम कोर्ट में सभी नियुक्तियां केवल कॉलेजियम के अलावा सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों के साथ परामर्श के बाद की जाती है. बार के सदस्‍य जब न्‍यायिक पदों पर आते है तो उनमें प्रेरणा और पहल होती है.

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जब बार के सदस्‍य को बड़ी जिम्‍मेदारी मिलती है तो वे विचारों में ताजगी लाते हैं. जिला से हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जो सदस्‍य पहुंचते हैं; वे निरंतरता की परंपरा लेकर आते हैं. संस्‍था के अस्तित्‍व के लिए दोनों समान रूप से जरूरी होते हैं. जो लोग लंबे समय से जज रहे हैं; यह उनके लिए चुनौती है कि वे इस व्‍यवस्‍था में बने रहते हुए खुश न हों. बार के सदस्‍य जब न्‍यायिक पदों पर आते हैं तो उनमें प्रेरणा और पहल होती है. जस्टिस प्रशांत मिश्रा के बारे में कहते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह नियुक्ति यह बताती है कि सुप्रीम कोर्ट में आने वाले जज भारत में सामाजिक रूप से गहराई तक जुड़े हुए हैं. उन्‍होंने जस्टिस केवी विश्‍वनाथन को युवा वकीलों के लिए आदर्श और गुरु बताया.