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देहरादून : उत्‍तराखंड में अवैध मजारों पर गरजा बुल्‍डोजर, हटाई गईं 28 मजारें ,, अभियान आगे भी जारी,,,।

देहरादून : उत्‍तराखंड में अवैध मजारों पर गरजा बुल्‍डोजर, हटाई गईं 28 मजारें ,, अभियान आगे भी जारी,,,।


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एजेंसी डेस्क : (उत्तराखंड,ब्यूरो)। देहरादून,,विकासनगर : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से सरकारी जमीनों से अवैध कब्जा हटाने के निर्देश के चलते वन विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। निर्देश के बाद से अब तक कालसी भूमि संरक्षण वन प्रभाग की टीम ने रिजर्व फारेस्ट में बनाई गई मजारों व अवैध निर्माण को ध्वस्त कराने में सक्रियता दिखाई, रिजर्व फारेस्ट से अभी तक 28 अवैध मजारों को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया गया है।

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वन विभाग की सख्ती से अवैध कब्जा करने वालों में हड़कंप की स्थिति है। चौहड़पुर, तिमली व लांघा रेंज में वन टीमें लगातार अवैध निर्माण चिह्नित करने में लगी हैं। मुख्यमंत्री के सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटाने के सख्त निर्देशों के चलते वन टीमें सक्रिय हैं। कालसी भूमि संरक्षण वन प्रभाग के डीएफओ अमरेश कुमार के निर्देश पर वन टीमों ने रिजर्व फारेस्ट में अवैध रूप से बनी मजारें व अन्य अतिक्रमण चिह्नित किए।

रेंजर मुकेश कुमार के नेतृत्व में चोहड़पुर रेंज में सहसपुर, होरो वाला,रुद्रपुर, अंबाड़ी बीट से 14 मजारें हटाई गई हैं। तिमली रेंज से माजरी, धर्मावाला, शाहपुर कल्याणपुर, धोला बीट से 12 मजार हटाई गई है। तिमली रेंज, चौहड़पुर रेज अंतर्गत अभी तक जेसीबी की मदद से कुल 26 अवैध मजारों को ध्वस्त किया है।

लांघा रेंज में भी दो मजारें हटाई गई हैं। गौर हो कि सबसे पहले चकराता वन प्रभाग की रीवर रेंज ने कालसी आमबाग में मजार और पक्के निर्माण को ध्वस्त किया था। जिसके बाद से वन टीमें सक्रिय हैं। वन क्षेत्राधिकारी तिमली व चौहड़पुर रेंज मुकेश कुमार ने बताया कि आरक्षित वन क्षेत्र में अवैध निर्माण व अतिक्रमण चिह्नित करने का काम जारी है।

भूमि संरक्षण वन प्रभाग कालसी के डीएफओ अमरेश कुमार ने बताया कि भविष्य में रिजर्व फारेस्ट में किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण न हो, इस संबंध में सभी रेंज और बीट अधिकारियों को कड़े दिशा निर्देश दिए गए हैं। जैसे जैसे अतिक्रमण मिलेंगे, ध्वस्त किया जाएगा।

सीएम के निर्देश के बाद से रिजर्व फारेस्ट से अवैध कब्जे व मजार हटाने की कार्रवाई जारी है।

वन विभाग की सख्ती से अवैध कब्जा करने वालों में है हड़कंप की स्थिति बनी है।