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चौसठ योगिनी मंदिर : आम के पेड़ को फाड़कर जमीन से प्रकट हुई थी योगनी माता, श्रद्धालुओं का लगता है तांता,,,।

चौसठ योगिनी मंदिर : आम के पेड़ को फाड़कर जमीन से प्रकट हुई थी योगनी माता, श्रद्धालुओं का लगता है तांता,,,।



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एजेंसी डेस्क : (एमपी,ब्यूरो)। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में जबेरा ब्लॉक के हटरी गांव में चौसठ योगनी माता का अति प्राचीन सिद्ध मंदिर है। मां की प्रतिमा आम के पेड़ को फाड़कर जमीन से प्रकट हुई थी। इस चमत्कारिक स्थान पर लोगों की अटूट श्रद्धा है। चौसठ योगनी माता की प्रतिमाओं के सिर पर मुकुट सुशोभित है। प्रतिमाओं की बनावट से लगता है अति प्राचीन है। 

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ग्रामीणों ने बताया कि कई साल पहले इसी जगह पर हरा भरा आम का पेड़ लगा हुआ था, जो अचानक सूख गया। बीते कुछ साल बाद आम का पेड़ दोबारा से हरा भरा हो गया, जिसकी शीतल छांव के नीचे धार्मिक आयोजन चल रहा था। तभी अचानक से पेड़ गिरते ही अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया। फिर कुछ देर बाद टूटे पेड़ के तने के पास जाकर देखा तो कुछ प्राचीन प्रतिमाएं थीं, जिन्हें देखकर ग्रामीण अचंभित हो गए। पाषाण पर बनी प्रतिमाओं को देखा गया, तब पता लगा कि ये चौसठ योगिनी माता की प्रतिमा है और पेड़ से प्रकट हुई है। 

समय बीतता गया माता की महिमा बढ़ती गई। आम के नीचे चबूतरे पर विराजी माता के स्थान से आम के पेड़ को हटाकर पटैरिया परिवार ने नए मंदिर का निर्माण करवाया। चौसठ योगिनी माता के दर्शनों के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। ऐसी मान्यता है कि चौसठ योगिनी माता की मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई मनोकामनाएं माता पूर्ण करती हैं। इसी आस्था विश्वास के चलते यहां दमोह, सागर, जबलपुर, छतरपुर जिले के श्रद्धालुओं का चैत नवरात्र में तांता लगा रहता है। चैत्र नवरात्र की नवमी को जवारे दर्शन के लिए यहां एक दिवसीय आस्था का मेला लगता है। 

मंदिर के पुजारी हल्लाई उदेनिया ने बताया कि चौसठ माता आम के पेड़ में से प्रकट हुई थी। 2005 से इनका पूजन करते आ रहे हैं जो भी भक्त सच्चे मन से माता के मंदिर में पूजा अर्चना करता है तो मां उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देती हैं। स्थानीय ग्रामीण हल्लाई रजक ने बताया है कि दमोह जिले में हटरी गांव में ही ऐसा चौसठ माता का मंदिर है, जहां माता आम के पेड़ से प्रकट हुई थीं।