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बनारस में संत रविदास की जन्मस्थली पर उमड़ा आस्था का रेला, 13 लाख से ज्यादा रैदासियों ने लगाई हाजिरी,,,।

एजेंसी डेस्क : (वाराणसी,ब्यूरो)। बनारस के सीरगोवर्धनपुर स्थित गुरु रविदास के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए रविवार को अनुयायियों का रेला झूमकर निकला। भजन-कीर्तन करतीं संगतें निकलीं तो सीर की सड़कों पर जात-पात के भेद मिट गए।

संत रविदास के सपनों के गांव बेगमपुरा की कठौती में आस्था की गंगा उतर आई। माघी पूर्णिमा पर संत की जयंती पर सीरगोवर्धनपुर में श्रद्धालुओं का ऐसा रेला लगा कि पैदल चलने तक की जगह नहीं बची। रविदासिया धर्म ध्वजा फहराने के साथ ही महोत्सव की शुरुआत रविवार को हो गई। गुरु चरणों की रज पाने के लिए रैदासियों की लंबी कतार मंदिर के बाहर देर शाम तक लगी रही। मंदिर कार्यालय व सेवादारों के अनुसार, 13 लाख से ज्यादा रैदासियों ने संत के चरणों में हाजिरी लगाई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार सुबह 9:30 बजे श्रम साधक संत रविदास की 646वीं जयंती पर सीरगोवर्धनपुर स्थित मंदिर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने संत के चरणों में शीश नवाया, फिर भक्तों और श्रद्धालुओं को संत रविदास जयंती की बधाई दी। साथ ही रविदासिया धर्म के प्रमुख संत निरंजन दास से मुलाकात करके उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुभकामना संदेश पढ़कर सुनाया। सीरगोवर्धनपुर जाने को अनुयायियों का रेला झूमकर निकला। भजन-कीर्तन करतीं संगतें निकलीं तो सीर की सड़कों पर जात-पात के भेद मिट गए। संत रविदास के सपनों के गांव बेगमपुरा की कठौती में आस्था की गंगा उतर आई। माघी पूर्णिमा पर संत की जयंतीपरसीरगोवर्धन पुर में श्रद्धालुओं का ऐसा रेला लगा कि पैदल चलने तक की जगह नहीं बची। रविदासिया धर्म ध्वजा फहराने के साथ ही महोत्सव की शुरुआत रविवार को हो गई। गुरु चरणों की रज पाने के लिए रैदासियों की लंबी कतार मंदिर के बाहर देर शाम तक लगी रही। मंदिर कार्यालय व सेवादारों के अनुसार, 13 लाख से ज्यादा रैदासियों ने संत के चरणों में हाजिरी लगाई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवारसुबह9:30बजेश्रमसाधक संत रविदास की 646वीं जयंती पर सीरगोवर्धनपुर स्थित मंदिर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने संत के चरणों में शीश नवाया, फिर भक्तों और श्रद्धालुओं को संत रविदास जयंती की बधाई दी। साथ ही रविदासिया धर्म के प्रमुख संत निरंजन दास से मुलाकात करके उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुभकामना संदेश पढ़कर सुनाया।

संत निरंजन दास ने रविवार सुबह सात बजे रविदासिया धर्म की ध्वजा फहराई। इसके बाद पूरा मेला क्षेत्र "जो बोले सो निर्भय, रविदास शक्ति अमर रहे, सदगुरु महाराज की जय,,, जय गुरुदेव तन गुरुदेव" के जयकारों से गूंज उठा। माघी पूर्णिमा की तिथि पर रविदासिया धर्म की 13वीं वर्षगांठ भी उत्साह के साथ मनाई गई।संत रविदास की जयंती पर बेगमपुरा गुरु भक्ति और सेवा भाव में आकंठ डूब गया। दोपहर 12 बजे तक पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संत रविदास के चरणों में मत्था टेका था। यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। भक्तों की लंबी कतार लगी रही।
