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वाराणसी नवरात्रि पर पंडाल में दिखेगी गंगा जमुनी तहजीब का दृश्य पंडाल के ऊपर होगा काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद की सजीव कलाकृति

वाराणसी नवरात्रि पर पंडाल में दिखेगी गंगा जमुनी तहजीब का दृश्य पंडाल के ऊपर होगा काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद की सजीव कलाकृति

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एजेंसी डेस्क
वाराणसी : दशहरे पर सजने वाले पूजा पंडालों को सजाने की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। हर पंडाल इस बार कुछ अलग करने की तैयारी में है। अर्दली बाजार के पूजा पंडाल में गंगा-जमुनी तहजीब का नजारा देखने को मिलेगा।हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल जय माता दी स्पोर्टिंग क्लब में नजर आएगी। पंडाल के आगे ज्ञानवापी गेट नंबर चार होगा तो गेट के ऊपर शिवलिंग व नंदी महाराज के दर्शन होंगे।


क्लब के अध्यक्ष मिहिर भल्ला ने बताया कि पंडाल के शिखर पर 15 फीट का मंदिर और मस्जिद होगा। मौलाना व पंडित एक दूसरे के कंधे पर हाथ रखकर भारत का राष्ट्रीय ध्वज पकड़े हुए भारत की हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल देंगे। उपाध्यक्ष राहुल पांडेय ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सभी प्रतिमाएं तिरंगे वस्त्र में दर्शन देंगी। छह मिनट के इलेक्ट्रानिक शो के माध्यम से मां दुर्गा आतंकवाद का अंत करके भारत की एकता को कायम रखने का संदेश देंगी।


पंडाल में प्रवेश करते ही पर्दे पर सामाजिक संदेश देने वाले चित्र नजर आएंगे। पंडाल के सामने गुफा में माता वैष्णो देवी के पिंडी के दर्शन होंगे। गुफा के ऊपर शंकर जी की जटा से मां गंगा प्रवाहमान होंगी। अध्यक्ष ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से जय माता दी स्पोर्टिंग क्लब थीम पर आधारित एवं सामाजिक संदेश दे रहा है।


थीम बेस्ड पंडाल सजाने की तैयारियां तेजदशहरे पर सजने वाले पूजा पंडालों को सजाने की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। हर पंडाल इस बार कुछ अलग करने की तैयारी में है। अर्दली बाजार के पूजा पंडाल में गंगा-जमुनी तहजीब का नजारा देखने को मिलेगा। हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल जय माता दी स्पोर्टिंग क्लब में नजर आएगी। पंडाल के आगे ज्ञानवापी गेट नंबर चार होगा तो गेट के ऊपर शिवलिंग व नंदी महाराज के दर्शन होंगे।


क्लब के अध्यक्ष मिहिर भल्ला ने बताया कि पंडाल के शिखर पर 15 फीट का मंदिर और मस्जिद होगा। मौलाना व पंडित एक दूसरे के कंधे पर हाथ रखकर भारत का राष्ट्रीय ध्वज पकड़े हुए भारत की हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल देंगे। उपाध्यक्ष राहुल पांडेय ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सभी प्रतिमाएं तिरंगे वस्त्र में दर्शन देंगी। छह मिनट के इलेक्ट्रानिक शो के माध्यम से मां दुर्गा आतंकवाद का अंत करके भारत की एकता को कायम रखने का संदेश देंगी।


पंडाल में प्रवेश करते ही पर्दे पर सामाजिक संदेश देने वाले चित्र नजर आएंगे। पंडाल के सामने गुफा में माता वैष्णो देवी के पिंडी के दर्शन होंगे। गुफा के ऊपर शंकर जी की जटा से मां गंगा प्रवाहमान होंगी। अध्यक्ष ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से जय माता दी स्पोर्टिंग क्लब थीम पर आधारित एवं सामाजिक संदेश दे रहा है।


मूर्तिकारों को आस, इस बार मैया लगाएंगी बेड़ा पारकोरोना का दंश झेल रहे मूर्तिकारों को इस बार अब मां दुर्गा से बहुत आस है। कोरोना काल में लॉकडाउन से मूर्तिकारों का काम ठप हो गया था। साल दर साल उन्हें घाटा होता गया और महंगाई बढ़ती गई। अब जब कोरोना का साया कम हुआ तो मूर्तिकारों ने भी दुर्गा जी की मूर्तियां बनानी शुरू कर दी हैं। मूर्तिकारों का कहना है कि इस साल शायद माता रानी उनका बेड़ा पार लगाएंगी।


वाराणसी जिले में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में मिलाकर करीब एक हजार दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। ज्यादातर मूर्तिकार कोलकाता से आकर मूर्तियां बनाते हैं। एक फीट से लेकर 18 फीट तक की मूर्ति बनाई जा रही है। इस बार दुर्गा पूजा में फिर से पहले जैसी रौनक लौट आने की उम्मीद है।