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पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर शुरू करेंगे सियासी पारी, नगर निकाय चुनाव में दम-खम दिखाने की तैयारी

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर शुरू करेंगे सियासी पारी, नगर निकाय चुनाव में दम-खम दिखाने की तैयारी


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एजेंसी डेस्क
नई दिल्ली : :पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर अब राजनीतिक पारी शुरू करने की तैयारी में हैं। अधिकार सेना नामक संगठन के जरिए वह सियासी मैदान में दम-खम दिखाएंगे।आमजन के अधिकारों के लिए गठित यह संगठन आगामी नगर निकाय चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने की रणनीति बनाने में मशगूल है। 


दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी स्वच्छ छवि के उम्मीदवारों की तलाश आरंभ हो गई है। नगर निकाय चुनाव में यह दल कितना प्रभाव जमा पाएगा, यह भविष्य में मालूम पड़ेगा। मगर सियासी गलियारों में अभी से चर्चाएं जरूर होने लगी हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहते समय अमिताभ ठाकुर अक्सर किसी न किसी विवाद में घिरे नजर आए। 


1992 बैच के इस आईपीएस को गृह मंत्रालय भारत सरकार ने विगत 17 मार्च 2021 को समय से पहले सेवानिवृत्त कर दिया था। लोकहित में उपयुक्त न मानकर उन्हें जबरन रिटायर कर दिया गया। फिलहाल उन्होंने अधिकार सेना के नाम से दल का गठन किया है। अन्याय, अत्याचार एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ यह दल बनाया गया है।


आमजन के अधिकारों के लिए भी संघर्ष किया जाएगा। यूपी के अलग-अलग हिस्सों में इसका फैलाव किया जा रहा है। इसके तहत गाजियाबाद में भी जिला इकाई गठित हो चुकी है। राष्ट्रीय संयोजक अमिताभ ठाकुर ने बयान जारी कर कहा है कि अधिकार सेना आगामी नगर निकाय चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी। 


अन्य स्थानों के साथ गाजियाबाद में भी चुनाव लड़ा जाएगा। गाजियाबाद में संगठन की कमान रिटायर्ड डिप्टी एसपी राजेंद्र वीर सिंह को सौंपी गई है। कभी अखिलेश सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के साथ विवाद का ऑडियो सामने आने पर अमिताभ ठाकुर सुर्खियों में रहे थे। 


मौजूदा योगी सरकार के साथ भी उनका टकराव देखने को मिलता रहा है। उनके घर के बाहर लगी नेम प्लेट ने भी पिछले दिनों सुर्खियों बटोरी थीं। नेम प्लेट पर उन्होंने पूर्व आईपीएस अधिकारी के साथ जबरिया रिटायर तथा जबरिया जेल जैसे शब्द अंकित कराए थे।