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तेज रफ्तार ड्राइविंग सफ़र का रोमांच नहीं , भारत में एक दिन में सड़क हादसे में जाती है 426 लोगों की जान

तेज रफ्तार ड्राइविंग सफ़र का रोमांच नहीं , भारत में एक दिन में सड़क हादसे में जाती है 426 लोगों की जान




भारत में सड़क एक ऐसी जगह जहां लोग अपना जोश दिखाते है। आप जितनी स्पीड में आपकी राईड चलाते है उतना ही आपको सफर रोमांचक लगता है। हवा से बात करती हुई सवारी आजकल खासकर यंग जनरेशन का पसंदीदा कार्य है। भला तेज रफ्तार के बिना सवारी का क्या मजा ? ऐसे ख्यालात के चलते आज रोड पर निकलो उस में भी हाई-वे पर तो नजारा ऐसा ही होता है। 100 की रफ्तार से ड्राइव करना एक मामूली बात बन चुकी है। उस में भी जितनी महंगी कार उतनी ही उसकी स्पीड लिमिट ज्यादा। लेकिन आजकल टाटा मोटर्स के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री की महाराष्ट्र के पालघर में एक सड़क दुर्घटना में हुई मौत के बाद सड़क सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर बहस तेज हो गई है।



शुरुआती जांच से पता चला है कि मिस्त्री मर्सिडीज-बेंज जीएलसी कार की पिछली सीट पर बैठे थे और जब कार दुर्घटना का शिकार हुई उस समय उन्होंने अपनी सीटबेल्ट नहीं पहनी थी। जब कार सूर्या नदी पर एक पुल के डिवाइडर से टकराई और मिस्त्री और उनके साथ और एक अन्य व्यक्ति की मौत की मौके पर ही मौत हो गई। उनकी मौत ने सड़क सुरक्षा को लेकर एक और बहस शुरू कर दी है जिसमें हाईवे पर गति सीमा, एयरबैग की तैनाती, सीटबेल्ट सुरक्षा, और सड़क की असंगत बनावट सहित कई सवाल खड़े किए हैं। 

बेशक, भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा रोड नेटवर्क बना लिया है। लेकिन, इसके रखरखाव पर बहुत ध्‍यान नहीं दिया जाता है। भारत ने 58.9 लाख क‍िलोमीटर का रोड नेटवर्क बना लिया है। यह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा सड़कों का जाल है। कोरोना की महामारी से पहले तक भारत में हर चार म‍िनट में एक जानलेवा सड़क हादसा होता था। दुनिया में जितने सड़क हादसे होते हैं, उनमें यह 11 फीसदी है। यह भी सच है क‍ि व‍िश्‍व के कुल वीकल मार्केट में भारत की हिस्‍सेदारी सिर्फ 1 फीसदी है। एक र‍िपोर्ट के मुताबिक, 2020 में भारत में 36 लाख सड़क हादसे हुए। इनमें 13 लाख लोगों की मौत हुई। हाल के कुछ सालों में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई थी। लेकिन, 2021 में दोबारा ये बढ़नी शुरू हुई हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्‍यूरो का आंकड़ा दिखाता है कि राष्‍ट्रीय राजमार्गों पर सबसे ज्‍यादा ऐसे हादसे हुए हैं।

विशेष में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार,'भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या 2021' के तहत, अधिकांश (59.7 प्रतिशत) सड़क दुर्घटनाएँ तेज रफ्तार के कारण होती हैं, जिसमें 87,050 मौतें होती हैं और 2.28 लाख लोग घायल होते हैं। वर्ष 2021 में पूरे भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई, खतरनाक या लापरवाह ड्राइविंग या ओवरटेकिंग ने 25.7 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं में योगदान दिया, जिससे 42,853 लोगों की मौत हुई और 91,893 लोग घायल हुए। 

हर दिन 426 लोगों की मौत :


अंतराष्ट्रीय सड़क महासंघ के अनुसार, दुनिया भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 11 प्रतिशत से ज्यादा दुर्घटनाएँ भारत में होती हैं। जिनमें हर दिन 426 लोगों की जान जाती है और हर घंटे 18 लोग मारे जाते हैं। महासंघ के मुताबिक, 2021 में 1.6 लाख से ज्यादा लोगों की जान चली गई और अधिकतर सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को टाला जा सकता है। 



ये आंकड़े ये बताने के लिए काफी है की, हमारी लापरवाही ही मौत का कारण बन जाती है। आज बाइक चलानेवाले यंगस्टर बेतहाशा स्पीड से बाइक चलाते है। जैसे उनका सारा जूस्सा रोड पर ही निकल रहा हो ऐसे ड्राइविंग किया जाता है। लेकिन सोचो समझो आपका शोख किसीके लिए जानलेवा हो सकता है। और आपकी मजा किसीकी सजा बन सकती है ये न भूले। ये कोई गेम नहीं यहाँ मामूली गलती भी जानलेवा बन जाती है। यहाँ हीसाब पल नहीं सेकंड में ही हो जाता है। इतना समझ लीजिये। और इस से भी ज्यादा तो आप शहर में बसते हो या छोटे शहर में लेकिन ऐसे हादसों के शिकार नहीं बनना चाहते तो कुछ रूल्स या सावधानी बरपे। तो आपकी सफर होगी सलामत। 

इस सावधानी में,
1. सीट बेल्ट बांधे रखे 
2. स्पीड लिमिट से बाहर न जाये 
3. हमेशा कार के दोनों ग्लास पर नजर रखे 
4. हेवी वाहनों से दुरी बनाकर चले 
5. बारिस में अनजान रस्ते के खड्डो के बारे में जानकारी नहीं होती है इसलिए ये बात ध्यान में रखे 
6. रोड पर गाडी साइड में खड़ी रखे तो पार्किंग लाइट चालू रखे 
7. रात में डिपर का यूज़ करे