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वाराणसी जिले के महिला ग्रामीण थाने में पारिवारिक कलह और दहेज प्रताड़ना की नौ माह में आए 212 मामले, 191 का हुआ निस्तारण

वाराणसी जिले के महिला ग्रामीण थाने में पारिवारिक कलह और दहेज प्रताड़ना की नौ माह में आए 212 मामले, 191 का हुआ निस्तारण




एजेंसी डेस्क
वाराणसी,,, पति और पत्नी के बीच तकरार और सास, बहु के बीच कलह को महिला थाना दूर कर रहा है। छोटी-छोटी बातों पर टूटते रिश्ते जहां जुड़ रहे हैं, वहीं बिखरते परिवार में फिर से खुशियां लौट रही है।जनवरी से 25 सितंबर के बीच 212 मामलों में महिला थाने की टीम ने 191 मामलों को सुलझाया है। जबकि अन्य 11 परिवार की काउंसिलिंग करते हुए उन्हें समझाया।

बड़ागांव थाना परिसर में ही महिला थाना बनाया गया है। महिला थाने पर सर्वाधिक मामले दहेज प्रताड़ना से जुड़े होते हैं। उसके बाद सास और ननद द्वारा प्रताड़ित किए जाने के मामले हैं। इन सबके बीच 10 फीसदी मामले ऐसे भी होते हैं, जिसमें किसी तीसरे की वजह से दंपति के बीच मधुर रिश्तों में दरार आई हो।

काउंसिलिंग की मिठास से दूर हो रही रिश्तों में आई खटास

महिला थाना प्रभारी के अनुसार दहेज प्रताड़ना से जुड़े गंभीर मामलों को छोड़कर साधारण मामलों में दोनों पक्ष के परिवारों की काउंसिलिंग की जा रही है। पति व पत्नी की काउंसिलिंग के बाद अधिकतर लोग एक दूसरे के साथ रहने के लिए राजी हो जाते हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे भी मामले सामने आए जिनमें शादी के बाद पति पत्नी के रिश्ते के बीच में किसी तीसरे के आ जाने पर रिश्ते में कड़वाहट आई हो।

समय गुजरने के बाद अपनी गलतियों का एहसास पति-पत्नी दोनों लोगों को होने लगता है। उसके बाद थाने पर काउंसिलिंग करने पर लोग टूट जाते हैं और अपनी गलतियों को स्वीकार करते हुए एक दूसरे के साथ रहने के लिए तैयार हो जाते हैं।

इस कारण मामला पहुंच जाता है कोर्ट

महिला थाना प्रभारी अंजू यादव के अनुसार पति के खिलाफ शिकायत किए जाने के बाद महिला थाने के पुलिसकर्मियों द्वारा उनके पति से संपर्क पर थाने पर बुलाया जाता है। थाने पर पूरा मामला जानने के बाद पति और पत्नी दोनों को समझाया जाता है।

इस दौरान कुछ ऐसे भी मामले सामने आए जिसमें पति-पत्नी साथ रहने के लिए तैयार नहीं थे, हालांकि काउंसिलिंग के बाद दोनों ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया और पहले एक दूसरे के प्रति जितना गुस्सा था, काउंसिलिंग के बाद उतने ही सरल होकर एक दूसरे के साथ रहने को राजी हो जाते हैं। थाना प्रभारी के अनुसार काउंसिलिंग के बाद भी कुछ पति और पत्नी साथ रहने के लिए तैयार नहीं होते हैं तो फिर उनका मामला कोर्ट पहुंच जाता है।