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नेपाल और पश्चिम बंगाल से लड़कियों को लाकर जबरन कराई जाती थी मजदूरी कानपुर में मानव तस्करी के रैकेट का भंडाफोड़

नेपाल और पश्चिम बंगाल से लड़कियों को लाकर जबरन कराई जाती थी मजदूरी कानपुर में मानव तस्करी के रैकेट का भंडाफोड़



उत्तर प्रदेश के कानपुर में नेपाल और पश्चिम बंगाल से लाई गई लड़कियों को बंधक बनाकर काम कराने के रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। आरोप है कि शहर के बड़े घरानों के लोग बंधक बनाकर इन लड़कियों से काम करवा रहे थे।शुक्रवार को परिजनों की शिकायत पर पहुंचे एनजीओ के सदस्यों ने गोविंदनगर और सिविल लाइन्स से लड़कियों को प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से मुक्त करवाकर नारी निकेतन भेजा।

एनजीओ सोशियो लीगल इनफॉर्मेशन सेंटर की सदस्य अधिवक्ता नंदिनी वर्मा ने बताया कि नेपाल निवासी एक किशोरी के परिजनों ने बताया कि नीलम कसंल्टेंसी कंपनी के एजेंट ने 23 जून को शहर लाकर इन लोगों के हवाले कर दिया था। जिसके एवज में उसने मोटी रकम ली थी। बच्चियों ने करीब दस दिन पूर्व किसी तरह से घर वालों को फोनकर यहां के बारे में बताया तो परिजनों के होश उड़ गए। इसके बाद परिजनों ने नेपाल स्थित हमारी संस्था के सदस्यों से बात की। इसके बाद वहां की संस्था ने लखनऊ में हम लोगों से संपर्क किया और फिर हमारी टीम ने जिलाधिकारी विशाख जी से संपर्क कर घटना की जानकारी दी। इस के बाद तीनों को बंधन मुक्त कराया गया।

इंस्पेक्टर रोहित तिवारी ने बताया कि श्रम विभाग व अपर नगर मजिस्ट्रेट की टीम थाने आई थी। जिनके साथ गोविंद नगर यू ब्लॉक निवासी अंकुर पाखरानी के मकान में छापेमारी कर पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी निवासी एक बालिग व एक नाबालिग बच्ची को बरामद किया गया है। वहीं, ग्वालटोली इंस्पेक्टर धनंजय सिंह ने बताया कि गुरुवार रात टीम ने सिविल लाइंस स्थित प्रखर जैन के मकान से नेपाल की रहने वाली नाबालिग बच्ची को बरामद किया है।